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Sunday, September 5, 2010

जयपुर में पतंगबाजी और चुदाई...

जयपुर में पतंगबाजी और चुदाई...

हेल्लो दोस्तों में जयपुर का रहने वाला २१ साल का नोजवान हु...
हमारे जयपुर में १४ जनवरी (सकरात ) के दिन पतंगे उडती है ...
हम लोग पुरे जनवरी महीने में छत पर ही रहते और पतंगे उड़ाते थे...
में इस बार अपने दोस्त तरुण की छत से ही पतंगे उड़ा रहा था ...
उसका घर मेरे घर से १ किलोमीटर दूर था ...
हम पतंग उड़ाते हुए बहुत मजे करते थे..
तरुण के छत के पीछे वाली छत पर रोज़ एक खुबसूरत लड़की आती थी ...
मेने तरुण से उसका नाम पूछा तो बोला इसका नामे रक्षिता है...
और साथ में ये भी बताया की ये किसी को लाइन नहीं देती है...
मेने कहा में इस खुबसूरत रक्षिता से दोस्ती करना चाहता हु ........तो वो बोला तू पागल तो नहीं हो गया जो लड़की आज तक हमसे दोस्ती नहीं की वो तुझ से क्या करेगी ...में बोला चल लगी १०००/- की शर्त में इस से दोस्ती करके रहूगा..
वो बोला ठीक है...
अब आप लोगो को उसका आकर्षक फिगर बताता हु...
उसके बूब्स की साइज़ ३६ और शक्ल मानो करीना सामने आ गई हो...
मेने उसके नाम पर रोज़ मुठ मरता था...
बात ११ जनवरी २००९ की है उस दिन में पतंग उड़ा रहा था ...किस्मत से उस दिन हवा भी रक्षिता के घर की तरफ थी...
मेने देखा की वो कपडे सुखाने छत पर आई है तो मुझे एक आईडिया आया और मेने चला कर उसके छत पर रखे गमलों में अपनी पतंग अटका दी...
और आवाज लगाई ...मैडम मेरी पतंग सुलझा दो...
उसने पहले तो मेरी तरफ गुस्से से देखा फिर पतंग हटाती हुई बोली.... मिस्टर मेरा नाम रक्षिता है...
में बोला अच्छा नाम है और मेरा नाम रोहित है....
और मेने ये पतंग चला के अटकाई थी क्यों की मुझे आपसे दोस्ती करनी है...
फिर वो गुस्से भरे लाल चेहरे से बोली...
तुमने सिर्फ दोस्ती करने के लिए मुझे परेशान किया...
दोस्ती के बारे में सोच कर बताओगी ..
में बोला ठीक है.....
अगले दिन में छत पर उसका वेट कर रहा था करीब २ बजे छत पर आई ...जब में अकेला ही छत पर था..
आकर बोली मुझे लगता है तुम एक अच्छे इन्सान हो क्योकि तुमने उसी टाइम सच्चाई बता दी...
इसलिए मेने निर्णय लिया है की मुझे तुमसे दोस्ती करना मंजूर है...
में ख़ुशी से उछल पड़ा ...
फिर मेने उस से उसका फ़ोन नंबर लिया...
मेने तरुण से पूछा की की रक्षिता के घर में कोन कोन है...
वो बोला इसका भाई और भाभी साथ रहती है...
मुझे लगा मुझे इसके भाई से दोस्ती करनी चाहिए ...जिस से रक्षिता के घर में घुस सकू...
में तरुण से बोला यार मुझे रक्षिता के भाई से मिला दे...
तरुण बोला मिला तो दूंगा पर आगे बात तुझे ही संभालनी पड़ेगी..
मेने कहा ठीक है..
शाम को जब उसका भाई आया तो तरुण ने उस से मुझे मिलाया ...
अगले दिन १३ जनवरी थी तो मेने रक्षिता के भाई से कहा कल में आपके साथ आपकी छत पर
पतंग उड़ा सकता हु तो बोले हाँ क्यों नहीं मुझे भी कोई साथी मिल जाएगा..
अगले दिन हम दोनों ९ बजे छत पर पतंग उड़ाने चले गए...
हमने २-३ पतंगे उड़ाई तब रक्षिता हमारे लिए कुछ खाने के लिए ले आई...
तब उसका भाई पतंग उड़ा रहा था जब वो आई...उसका ध्यान हमारी तरफ नहीं था ..
मेने उसी आंख मार दी और उसने मुस्कान दिखाई...
अब तो में उसी चोदने के बारे में सोचने लगा...
फिर वो निचे चली गयी,,,
उसका भाई १०.३० बजे ऑफिस जाने के लिए तयार हो कर चला गया...
और जाते हुए बोल गया जब तक इच्छा हो उड़ा लेना... और किसी चीज की जरुरत हो तो मांग लेना मेने कहा ठीक है...
भैया के जाने के करीब १ घंटे बाद रक्षिता ऊपर आई बोली जल्दी पतंग उतारो मुझे तुम्हे कुछ दिखाना है जल्दी नीचे आओ...
मेने जल्दी से पतंग उतारी और बोला क्या दिखाना है...
बोली अंदर तो चलो और अपने रूम में ले गई ...
और मेरा हाथ पकड कर बोली रोहित मुझे तुम बहुत अच्छे लगते हो ...में तुम से प्यार करने लगी...हु...
ऐसा एक दम से सुनकर में तो दंग रह गया फिर सोचा अब जल्दी चूत मिल जाएगी...

में बोला मुझे भी तुम्हे देखते ही प्यार हो गया था ... चलो अब में ऊपर जा रहा हु भाभी ने देखा तो मुश्किल ...
वो बोली वो पड़ोस में गई है...
मुझे एक मस्त किस कर ना...
में बोला ले मेरी जान और कस के उसे पकड़ा और के लम्बा किस दिया..
किस देते देते..में उसके बूब्स भी दबा रहा था ..अब वो गर्म हो चुकी थी...
मेंने उसकी गांड दबाना शुरू किया ...
तभी अचानक घंटी बजी ...में तो सीधे छत पर भाग गया और पतंग उड़ाने लगा..
अगले दिन मकर सक्र्न्ति थी..
में अगले दिन सुबह ८ बजे छत पर जाने वाला था पर कोहरा होने के कारण में ९.३० पर छत पर गया...मेरी नहीं रक्षिता की..
उस दिन उसने डार्क ब्लू कलर की tight जींस पहनी थी और tight गुलाबी कलर का टॉप पहना था क्या मस्त लग रही थी मुझे तो इच्छा हो रही थी अभी बहो में लेकर चोदना शुरू कर दू..
वहा पर करीब १२ बजे तक रक्षिता के भैया ने पतंग उड़ा कर अपने दोस्त के घर चले गए साथ में भाभी को भी लेकर गए...
मुझे तो मजा आ गया ...
मुझे अब रक्षिता को चोदने का मौका मिलने वाला था..
भैया के जाते ही में रक्षिता के लिपट गया ...और उसे बहुत लम्बा किस दिया ...
और गांड पकड कर उसे अपने हाथो से उठा लिया ...
थोड़ी देर बाद मेने उसे बेड पर लिटा दिया ..

उसकी जींस में से ही चूत को सहलाने लगा ....उसे मजा आने लगा और वो आहे भरने लगी...
में अब बूब्स को भी टॉप में से ही दबाने लगा थोड़ी देर में उसकी चूत गीली हो गई...
वो बोली जानू..मेरी चूत मस्त माल निकल चूका है...अब आप अपने मस्त से लोडे से मेरी चूत का उदघाटन करोगे...
में बोला जानेमन इतनी जल्दी भी क्या है ... पहले पुरे मजे तो ले लो फिर तेरी चूत का भी उदघाटन करेगे ...
वो बोली आप जेसा कहे मेरे जानू...
फिर मेने उसे फिर से किस किया और..उसके बूब्स को उसके टॉप से आज़ाद किया...
उसके बूब्स क्या तो मस्त थे मेने उसके बूब्स को मुह में लेकर चुसना शुरू किया...
उसे बहुत मजा आया और वो आहे भरने लगी...
जानू तुम तो बहुत मस्त चूसते हो ... चूसते रहो...
फिर मेने उसकी जींस को उतार फेका अब वो सिर्फ पंटी में थी और बहुत मस्त लग रही थी...उसकी काली कलर की पंटी बिलकुल अप्सरा लग रही थी...
फिर मेने उसकी पंटी उतारी और उसकी चूत को चूमने लगा ... उसकी चूत में एक मस्त खुशबु आ रही थी...वो आहे भरने लगी
अआहछ आह्ह
फिर मेने उसे कहा जान अब मुझे भी तो इन कपड़ो से आजाद करो बोली ये लो जानू...
फिर उसने मेरा टी शर्ट उतार फेका और मेने सिने पर किस करने लगी...
मुझे काफी मजा आ रहा था साथ साथ में उसके बूब्स भी दबा रहा था..
फिर उसने मेरी जींस उतारी और बोली अब ये मस्त लंड आज़ाद होगा...
और उसने मेरी underwear उतारी और मेरे फड फडाते ७.५ इंच के लंड को निकला और मुह में ले लिया...
और उसे मजे से चूसने लगी मुझे बड़ा मजा आ रहा था ...
में उसके बूब्स भी दबा रहा था..
१५ मिनट बाद मेरा पानी निकला और वो चूसने लगी... मुझे काफी मजा आया..
फिर १० मिनट में हमने कुछ खाया और ...
फिर मेने उसकी चूत में अपना लोडा डाला ..
वो पहली बार चुद रही थी इसलिए मेने उसकी चूत में आराम से अपना लंड डाला
थोडा अन्दर जाने के बाद वो चिल्लाई ... रोहित निकालो इसे मुझे दर्द हो रहा है में बोला थोड़ी देर की बाद अच्छा लगेगा ...थोडा सहन कर लो इसे ...वो बोली ठीक है...
फिर मेने चुदाई चालू रखी ...थोड़ी देर बाद उसे भी मजा आने लगा और वो बोली रोहित और तेज़ चोदो फाड़ दो मेरी चूत को...
में और तेज़ चोदना शुरू किया थोड़ी देर में वो झड़ गई .. मुझे काफी मजा आ रहा था में लगातार चोदता रहा ... थोड़ी देर में ...मै भी झड़ गया उसने मेरा पानी अपने मुह में पी लिया...
फिर मेने उसकी गांड भी मारी..हमने काफी मजा किया...
पर उसकी भाभी ने हमे पकड लिया और फिर मेने उसे भी लंड का सवाद चखाया ...उसकी भाभी की चुदाई अगली कहानी में ...


अगर जयपुर की किसी लड़की, भाभी या किसी को भी मेरे लंड का स्वाद चाहिए तो मुझे मेल करना मत भूलना ...मेरा मेल है

rohit_kh2011@yahoo.com
rohit.4jaipur@gmail.com

Thursday, September 2, 2010

खूब चुदाई की

मैं एक बार फिर आपके सामने अपना अनुभव पेश करने जा रहा हूँ। उम्मीद करता हूँ आपको पसंद आएगा।

दोस्तों आपको मैं अपनी ज़िन्दगी के आठ महीने पीछे ले चलता हूँ, बात हमारे स्कूल के वार्षिक उत्सव की है, जो कि हर बार २५ दिसम्बर को मनाया जाता है।

उस दिन हम सब अच्छे अच्छे कपड़े पहन कर गए थे। मैंने उस दिन काले रंग की शर्ट और नीले रंग की जींस पहनी हुई थी। सभी लड़कियों की निगाहें मुझ पर थी। उस दिन मेरी गर्लफ्रेंड के साथ उसकी एक सहेली आकृति भी आई थी। वो देखने में, बाप, क्या माल थी ! एकदम गोरी चिट्टी और मोटे-मोटे मम्मों वाली। देखते ही मेरी जींस बीच में से टाइट हो गई और मैंने बड़े ही प्यार से उसे हेल्लो बोला। उसने भी बड़े प्यार से मुझे हाय कह कर जवाब दिया, पर मेरी आँखें तो उसके मम्मों पर ही थी।

उसने एकदम मेरी तरफ देखा और बोली,'जनाब, कहाँ खो गए?'

मैंने बोला- कहीं नहीं ! बस कुछ दिनों से इतनी गर्मी महसूस नहीँ की।

वो समझ गई कि मैं क्या बात कर रहा हूँ। इतने में मेरी गर्लफ्रेंड ने मुझे गुस्से भरी आँखों से देखा, मैंने हँस के बात बदल दी और मैं अपने दोस्तों के साथ चला गया। मेरे दोस्त मुझे एक कमरे में ले गए जहां उन्होंने ब्लू फिल्म लगा रखी थी। एक तो पहले ही गरम माल देख के आया और ऊपर से यह सब, मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं अपनी जींस के ऊपर से अपना लंड रगड़ने लगा... और अह्ह्ह आह्ह्ह की आवाजें मेरे मुँह से निकलने लगी।

फिल्म में एक लड़का लड़की के मम्मों के बीच अपना लंड रख के रगड़ रहा था और बीच बीच में लड़की के मुँह में अपना लंड डाल रहा था.. 'म्म युम्मी मम आह्ह्ह' जैसे शब्द लड़की बोल रही थी।

मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और मुठ मारने लगा। इतने में क्या देखता हूँ कि पीछे से मुझे कोई बुला रहा है। मैंने जल्दी जल्दी लंड जींस के अन्दर डाला...... और ' कौन है ' बोलते हुए बाहर गया..

बाहर देखा तो आकृति खड़ी थी, और बोली कि रेशन (मेरी गर्लफ्रेंड) आपको बुला रही है..

मैंने कहा- चलो... चलें..

रास्ते में वो बोली- अभिषेक अन्दर क्या कर रहे थे?

मैं डर गया और बोला,'तुमने सब देख लिया?'

वो बोली- हाँ और आपका वो बड़ा सा लंड भी !

मेरी आंखे फटी की फटी रह गई। मैंने डरते डरते बोला- आकृति को कुछ मत बताना !

वो बोली- नहीं नहीं... बिलकुल भी नहीं..पर अगर आप ब्लु फिल्म की जगह असल में करो तो ज्यादा मज़ा आएगा ...

हाय रब्बा ये तो.. मेरे मन की मुराद पूरी हो गई' मैंने कहा।

क्या मतलब..!

वो अपना दुपट्टा नीचे करके बोली.. क्या इन्हें दबाने में तुम्हें मज़ा आएगा?

मैंने भी बिना कोई मौका गंवाते हुए उसमें अपना मुँह घुसा दिया और अपनी जीभ से उसके मम्मे चाट लिए .. और तिरछी आँख से उसे देखा!

वो भी एक दम मस्त हो गई थी।

मैंने कहा- फिर शुरू करें?

उसने भी हाँ में हाँ मिला दी और मैं उसका हाथ पकड़ के उसे रेडरूम में ले गया।

रेडरूम में घुसते ही मैंने रूम लाक कर दिया और अपनी जींस उतार दी.. मेरा लम्बा लंड देख के उससे रहा नहीं गया.. और उसने अपना मुँह खोल कर सारा लंड अन्दर घुसा लिया। 'चक्क चक शह..' जैसी आवाज़ आई और उसने लंड बाहर निकाला और उसका सुपाड़ा अपने दांतों से रगड़ना शुरू कर दिया। मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था तो मैंने अपने हाथ उसके सर के ऊपर रख दिया और अन्दर की तरफ धकेलने लगा। उसके होंठ मेरे माल से सफ़ेद हो गए थे... और वो मेरा लंड चूसे जा रही थी...

फिर उसने मेरी अण्डकोषों को अपने मुँह में डाला और दबा दबा के चूसने लगी। मेरा लंड एकदम सीधा तना हुआ था और वो अपनी जीभ से उसे चाट रही थी और अपने मुँह और लबों से रगड़ रही थी..

अब मुझसे रहा नहीं गया.. मैंने उसे उठाया और.. उसकी कमीज़ के ऊपर से उसके मम्मे निकाल लिए और उन्हें चूसने लगा.. आह्ह्ह गोरे गोरे मम्मे.. और उन पर भूरे रंग के चूचुक !

मैंने उन्हें निचोड़ दिया और एक तरह से मैं उसके मम्मों को खाने की कोशिश करने लगा..

मैंने अपनी जीभ से उसके मम्मे चाट चाट के साफ़ कर दिए.. और वो नीचे से अपना हाथ मेरे लंड के ऊपर रगड़ रही थी.. मैंने भी अब उसकी सलवार उतार दी और उसकी पैंटी के अन्दर ऊँगली डाल दी..

वाह क्या माल थी वो.. एक दम टाइट चूत और कोई बाल नहीं..

मैंने एक दम ३ उंगलियाँ उसके चूत के अन्दर घुसा दी..

और वो चिल्लाई और उसने मेरी गरदन पर काट लिया..

मैंने कहा- ये क्या...?

तो बोली- मुझे भी दर्द होता है..

तो मैंने कहा- जब मैं तुझे चोदूँगा तो... फिर तो तू मुझे खा ही जायेगी..

वो बोली- वही तो मैं चाहती हूँ..

मुझे यह सुन कर बड़ा मज़ा आया और मैंने सीधा उसके होठों में अपनी जीभ घुसा दी...

वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और अम्म आम्म करके मुझे किस करने लगी...

मेरा एक हाथ उसके मम्मों पे और एक उसकी गांड पे था..

और साथ साथ मैं उसे चूस रहा था.... वो भी मेरा लंड जान लगाकर रगड़ रही थी...

थोड़ी देर बाद मैंने उसे ज़मीन पर लिटा दिया और उसकी चूत चाटने लगा.. नरम और नमकीन चूत... मैंने ज़िन्दगी में पहली बार ऐसी चूत चाटी थी... और.. उसने मुझे जन्नत का मज़ा दिलवा दिया...

थोड़ी देर बाद वो मेरे मुँह में ही झड़ गयी... और मैंने उसका पानी हाथ से साफ़ कर दिया और फिर चूत चाटनी शुरू कर दी..

वो बोली- चौद भी दे जान अब..! कितना तड़पाएगा..?

मैंने कहा- मेरी जान बस.. एक मिनट और..

मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के अन्दर घुसा दी... और.. सारा पानी..चाट लिया..

हाआआयीई...कह के उसने मेरे सर पे हाथ रखा..

उसके बाद मैं उसके ऊपर लेट गया..और अपना लण्ड उसकी चूत में घुसा दिया..

थोड़ी मुश्किल हुई पर घुस गया...

वो थोड़ा चिल्लाई.. पर बाद में मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और धक्के लगाने शुरू कर दिए...

आआहा या उईई की आवाजों ने चुदाई को और मजेदार बना दिया..

मैंने भी धक्के तेज़ कर दिए और जब मैंने सांस लेने के लिए अपने होंठ उसके होंठों से अलग किये तो उसने मुझे गाली दी और बोली- माँ के लोड़े ! तेरे में दम नहीं है?...... फाड़ ड़ाल आज मेरी चूत को... माँ के यार आअह्ह चोद दे आज इस.....लड़की को... मेरी जान निकाल दे .. आअज.. आअह्ह उई.. मरर गई... जान मैं...

मैंने भी अपनी पूरी ताकत से धक्के लगाने शुरू कर दिए और जोर जोर से हांफ़ने लगा....

वो भी चिल्ला रही थी...

हम दोनों को सर्दियों में पसीना आने लगा...

करीब २० मिनट के बाद मैं झड़ गया और उसके ऊपर से उठ गया....

मैंने कहा- जान मज़ा ही आ गया !

वो बोली- अब तो और आएगा..

और.. अपनी गांड मेरे सामने कर दी....

मैंने जाकर सीधा उसकी गांड पर थप्पड़ मारा और उसे चूमा !

..मोटी.. गोरी गांड.. किस्मत वालो को ही मिलती.. है.. और...

थोड़ी देर गांड दबाने के बाद मैंने उसके अन्दर अपना लंड डाल दिया और उसके मम्मे दबाने लगा...

वो भी पूरा लंड ले रही थी..

मैंने धक्के तेज़ किए तो उसके मुँह से आम्म आम्म्म अम्म.. आह्ह..की आवाजें आने लगी...

मैंने उसके बाल खींच दिए तो वो आआउई.. आऔईइ करके चिल्लाने लगी..

मैंने दबा दबा कर उसकी गांड मारी और एक दम लाल कर दी...

फिर मैंने अपना लण्ड बाहर निकाला और उसके मुँह में डाल दिया...

वो भी जोर जोर से उसे हिला रही थी....

और कुछ देर के बाद मैं फिर से झड़ गया...

उसने मेरा सारा माल पी लिया...

और मैंने उसके बाद उसे एक किस की और बोला- जान ! आज तो मज़ा ही आ गया... थैंक्स ...!

वो बोली.. लव यू माय हनी!....

यह बोल के हमने कपडे पहने.. और वाशरूम जाकर मुँह धोया और वापिस आ गए....

जब हम वापिस आए तो मेरी गर्लफ्रेंड मिली और बोली- कहाँ रह गए थे तुम..?

तो मैंने कहा- तुम्हारी सहेली को जन्नत की सैर करवाने गया था..

और बोलकर आकृति और मैं हँसने लगे.....

फिर आकृति ने बात को संभालते हुए बोला- चंडीगढ़ दिखाने गया था...

तो मैंने भी बोला- हाँ.. और बोला- थोड़ा काम था.. इसलिए... हम बिना बताये चले गए.. 'सॉरी जानू'

वो बोली- कोई बात नहीं...

इसके बाद मैंने आकृति का नंबर ले लिया और उसके घर जाकर उसे खूब चोदा...........
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Sunday, May 2, 2010

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