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Friday, May 22, 2009

ननद न. 1

कांता नाथ रहते थे. उनके केवल एक लड़का और एक लड़की थी. लड़का 30-32 साल का था और दूसरे सिटी मैं जॉब करता था. लड़की मीना 18-19 साल की थी और B.A. कर रही थी. मैं खुद 22 साल का था. मीना के भाई की शादी 7 साल पहले हुई थी और उसकी भाभी माया भरपूर जवान थी. मीना का मेरे घर मैं आना जाना था. मैने कई बार उसकी चूचियों को दबाया था और एक आध बार छूट को भी सहलाया था. अब इधर कई दीनो से मैं और मीना आपस मैं मज़ा ले रहे थे, पर अभी तक उसे छोड़ा नही थे. केवल चूचियों को दबा था और छूट को सहलाया था. कल रात उसके बाप कही बाहर गये थे तू मीना चुपके से मेरे घर मैं आ गयी. इस रात मैने उसे छोड़कर कुँवारी छूट का मज़ा लिया. मीना चूड़ने के बाद बहुत खुश थी. वा मुझसे बोली, "श बहुत मज़ा आया. अब रोज़ छोड़ना." "पर कैसे तुम तू आती नही हो रोज़." "अपने घर मैं ही चड़वौनगी तुमसे." "वहाँ तू भाभी होगी." "अरे भाभी मेरी बहुत अच्छी हैं. वा मुझसे बहुत प्यार करती है. मैने तुम्हारे बारे मैं उसे सब बता दिया है. कह रही थी की अपने दोस्त को घर ले आओ और मुझे भी छुड़वा दो." मैं उसकी बात सुन खुश हो बोला, "तुम्हारी भाभी भी." "हन मेरी जान मेरी भाभी बहुत चुड़क्कड़ है. साली बहुत लंड खा चुकी हैं और पापा को भी मज़ा देती हैं. वा साथ रहेंगी तू घर मैं रोज़ ही मज़ा लिया जया करेगा." मैं यह जान बहुत खुश हो गया की मीना के साथ-साथ उसकी भाभी की छूट भी मिलेगी. अगले दिन सुबह 10 बजे उसके घर गया. उसके घर के सामने गया तू खुश हो गया. मीना मेरे ही इंतेज़ार मैं खड़ी थी. जैसे ही अंदर गया मीना ने दरवाज़ा बंद किया और बोली, "राजा भाभी को तैय्यर कर लिया है पर मुझे ज़्यादा करना भाभी को कम." मैं मीना की चूचियों को पकड़ बोला, "घबराव नही. तुम्हारे लिए ही तू तुम्हारी भाभी की लेने को आया हून. अब घर मैं सारा खेल हो जया करेगा. वरना तुम्हारी भाभी को मैं नही करता." मैं मीना की भाभी को देख chuka चक्का था. वा 27-28 की chudi चुदाई औरत थी. खूबसूरत तू बहुत थी पर मीना भी कम नही थी और फिर कुँवारी थी. काँटा नाथ की बहू और बेटी मेरे लिए मज़े का ख़ज़ाना बन गयी थी. चूचियों को डब्वाते ही मीना का गोरा मुखड़ा लाल हो गया. वा बोली, "हाए छ्होरिय, अंदर चलकर आराम से." मैं मीना के चूटर पर हाथ लगा बोला, "भाभी के सामने शरमाओगी तू नही." "शरमौँगी क्यों राजा पर मुझे ज़्यादा करना." "उसकी चिंता मत करो. मैं तू तुम्हारा दीवाना हून. रात मैं तू अंधेरा था, हाए इस समय कितनी खूबसूरत लग रही हो. उजाले मैंी आता है मज़ा." "हन बहुत मज़ा आया था." "दर्द हो रहा होगा." "हन तोड़ा सा पर ठीक हो जाएगा." "मज़ा आया था ना रात मैं मुझसे छुड़वाने का." "हन राजा खूब मज़ा आया. कमाल का है तुम्हारा." चलते-चलते लंड पर हाथ लगा बोली तू मैं खुश हो उसके आपल जैसे चिकने गाल को मसल जवानी की प्यास बुझते बोला, "तुम्हारी भाभी ने क्या कहा? बताओ ना." "भाभी ने कहा है की बुला लो हम भी मज़ा लेंगे. भाभी पूरी तरह राज़ी हैं अब तुम उनके सामने भी मज़ा ले सकते हो." यह सब बात करते-करते मीना मुझजे अपने रूम मैं ले आई. मुझे वाहा बिताकर जाने लगी तू मैने उसे पकड़ अपनी गोद मैं बिता उसके रसीले हूँटो को कसकर चूमते हुवे कहा, "तुम दोनो इस समय केवल पेट्तीकोत पहन कर आओ तू मज़ा आ जाए. देखो मीना रात भर थकाया है तुमने अब ज़रा आराम काराव. जो कहे करना तू ही मज़ा आएगा. तुम्हारे साथ-साथ आज तुम्हारी भाभी को भी तू करना है." "हून." गोद मैं खड़े लंड पर अपनी गांद रखते ही मीना अपने आप को भूल गयी. मैं काँटा नाथ की बहू और बेटी के साथ पड्रोसी का फ़र्ज़ निभाने को रेडी था. एक ही रात मैं दमदार चुदाई से मीना को अपने काबू मैं कर लिया था. अब मैं मीना के साथ-साथ उसकी भाभी माया का भी मज़ा लेने के प्लान मैं था. जानता था की मीना अब मेरी किसी बात से भी इनकार नही करेगी. "जाओ मीना भाभी को भी केवल पेट्तीकोत मैं और क्रीम लेकर आओ. इसको सॉफ किया या नही." छूट पर हाथ लगा बोला तू वा हिचकते हुवे बोली, `हाए राम अभी नही." "जाओ पहले तुम अपनी झाँते सॉफ करके चिकनी करो, तब तक भाभी को भेज दो. जब तक एकदम चिकनी करके नही आओगी मैं छोड़ूँगा नही. जब तक मुझसे चुड़वव, इसको चिकनी रखना." आज मीना को हटाकर माया के साथ मज़ा लेने का मौका मिल रहा था. माया मीना की भाभी थी. मीना की उमर 18-19 की थी और उसकी भाभी माया की 27-28 य्र्स. दोनो ही मस्त माल थे. मीना तू कुँवारी थी जिसे मैने ही छोड़कर पहला मज़ा दिया था. अब उसकी भाभी को भी छोड़ना था. मीना मेरी बात सुन गयी तू मैं बिना झिझक के मस्त छूटों का मज़ा प्यार से लेने के लिए केवल अंडरवेर मैं हो कुर्सी पर बैठ गया. मीना से पहले उसकी भाभी के आने का चान्स था क्योंकि मीना तू झांतो को सॉफ करने गयी थी. तभी माया केवल पेट्तीकोत मैं अपनी बड़ी-बड़ी चूचियों को हिलती हाथ मैं आयिल की बॉटल लेकर आई तू मैं जवान औरत को इस पोज़िशन मैं देखकर मस्त हो गया. माया तू चेहरे से ही चुदसी लग रही थी. वा पास आ बोली, "आप तू मेरे पड़ोस मैं ही रहते हैं. मीना आपकी बहुत तारीफ कर रही थी. मीना आपकी गर्ल फ्रेंड है तू क्या मुझे भी अपनी फ्रेंड बना लो. एक साथ शादीशुदा और कुँवारी का मज़ा मिलेगा तुमको. हाए राजा तुमने तू एक रात मैं मेरी ननद को बच्चिया(कॅफ) से गैया(काउ) बना दिया है." मीना की तरह उसकी भाभी भी एकदम चुदसी लग रही थी. मैने सोचा था की पहली बार आने पर माया शरमाएगी पर यह तू ऐसे खुलकर बात कर रही थी जैसे मेरी पुरानी रखैल हो. मैं उससे बोला, "काँटा नाथ की बहू हो?" "हन मीना कह रही थी की आपकी अभी शादी नही हुई है. आपको औरत की ज़रूरत है. हंदोनो मिलकर आपकी प्यास बुझायेँगे. मीना के साथ तू बहुत मेहनत करनी पड़ी होगी. हाए ज़रा उंदरवाएआर खोककर दिखाओ तू. बहुत तारीफ कर रही थी मीना." और बिना शरम पास आ मेरे अंडर वेर को देखने लगी. मैं माया जैसी चूड़ी और फैली छूट वाली को अपने सामने छुड़वाने के लिए तरसते देख नशे से भर गया. मुझे इस घर मैं जन्नत दिखने लगी. माया की मस्ती देख चूड़ी होने के बावजूद दिलचस्पी जागी. मैं उसकी एक चूची को पकड़ बोला, "लड़की छोड़ना कोई मज़ाक नही है. क्या कह रही थी मीना?" "कह रही थी की भाभी मेरे यार का बहुत लंबा और मोटा है. मीना मेरी ननद ही नही मेरी प्यारी सहेली भी है. इसीलिए तू मुझे तुमसे छुड़वाने दे रही है." "तुम भी खूब मज़ा लेती हो. मीना ने सब बताया है." "हन राजा क्या कारू, मीना के भाई का तू बहुत छ्होटा सा मरियल है. 1 मिनिट से भी जल्दी झार जाता है. अपने ससुर को फँसाया है, पर उसका खड़ा नही होता. बस छूट को चाट कर ही काम चलता है. मीना ने कहा था की भाभी मेरे बाप और भाई तू मरियल है पर मेरे यार का चख कर देखो, मस्त हो जाओगी. क्या करूँ अब इस उमर मैं तुम्हारे जैसे जवान 18-19 की लड़की को ही पसंद करते हैं." "कोई बात नही अब तुमको भी मैं ही सम्हालूँगा." "ठीक है राजा, तुमको पूरी छ्होट है जब चाहो यहा आकर मीना से मज़ा ले साकतो हो. उसके खूसट बाप से और भाई से डरने की ज़रूरत नही. साले दोनो के सामने मीना की छुड़वा दूँगी. बस मेरा भी ख्याल रखना. ज़रा दिखाओ तू." "घबराव नही अब मीना के साथ-साथ तुमको भी मज़ा दूँगा. दो के साथ तू बहुत मज़ा आता है. रात मैं मीना की अंधेरे मैं छोड़ा था तू मज़ा नही आया." "राजा अब उजाले मैं लो मज़ा. तोड़ा मुझे भी." "तोड़ा क्यों पूरा मज़ा लो. यह जितना मीना का है उतना ही तुम्हारा भी. दोनो को बारी-बारी से छोड़ूँगा." और उसके निपल को चुटकी से दबाया तू लंड मैं करेंट लगा और माया खुश हो बोली, "हाए तुम कितने आचे हो. राजा एक दो बार मीना को मेरे साथ छोड़ लो तू वा भी मेरी तरह खुलकर मज़ा लेने लगेगी. वैसे मेरी अभी बहुत लूस नही है, वैसे भी तुम्हारा तू कसा-कसा जाएगा." पेट्तीकोत के ऊपर से अपनी छूट दबाती बोली तू मैं उसके चूटर को सहला गाल को चूम बोला, "मैं सोच रहा हून की आज तुम दोनो को एक साथ छोड़ कर मज़ा लून." "बहुत अच्छा राजा." "रानी कल मीना को 8 बार छोड़ा है, बदन तक गया है. ज़रा मालिश कर दो ताज़गी आ जाए." मैं कंमता नाथ की बहू और बेटी के साथ वा मज़ा लेना चाह रहा था जो शायद ही किसी को मिला हो. वैसे बही तू बेटी से भी ज़्यादा चुदसी लग रही थी. पहली बार मैं ही खुलकर बोल रही थी जिससे मज़ा आ गया था. इस उमर की पहली औरत थी जिसे छोड़ने जेया रहा था. वा मुझे चालाक लग रही थी. "राजा तुम लेतो मैं और मीना मिलकर तुम्हारी मालिश कर सारी थकान उतार देंगे. अब रोज़ रात इसी कमरे मैं उजाले मैं हम दोनो का एक साथ मज़ा लेना. तुम अंडरवेर उतारो मैं बिस्तर को ज़मीन पर लगती हून." मैं फ़ौरन कुर्सी से उतार अंडरवेर अलग कर लंड को खड़ा किए खड़ा हो गया. मेरे नंगे मोटे लंबे और काले लंड को देख माया खुश हो गयी और जल्दी से उसे पकड़ कर मस्ती से बोली, "हाए आज से पहले कभी इतना टगरा लंड नही देखा. यह तू किसी घोड़े (हॉर्स) का लग रहा है. सच आज तू मेरी जवान हो जाएगी. तभी तू मीना की एकदम जवान लग रही है." माया के हाथ मैं जाते ही लंड झटके लेने लगा. मैं माया की कमर मैं हाथ डाल उसे अपनी ऊवार खिसका बोला, "मीना की देखी है क्या?" "हन राजा तुम्हारी तारीफ करते हुवे अपनी छूट दिखा बोली थी की देखो भाभी मेरी. मेरे यार ने एक रात मैं ही जवनकार दी है. लंड जाते ही मीना तड़प उठी होगी." वा खुशी से भर मेरे लंड को दबाती बोली. मुझे मीना से ज़्यादा मज़ा तू चूड़ी माया के साथ आ रहा था. बेशरम औरत तू सच बड़ी मज़ेदार होती है. वा पहली बार मेरे पास आई थी पर लग रहा था की कई बार मेरे लंड का पानी अपनी छूट मैं डलवा चुकी हो. मैं उसकी गांद को सहला बोला, "कसमसा तू गयी थी पर तुम्हारी ननद बड़ी दम वाली है." "हन राजा अभी छर्हती जवानी है." "पर शरमिली है." मैं उसके चूटर को मसल बोला तू माया मेरे लंड को देखती बोली, "घबराव नही पड़ोसी राजा, मैं मीना को अपनी तरह मस्त औरत बना दूँगी. वा भी दिल खोलकर तुम्हारे साथ मज़ा लेगी. हाए क्या मस्त लंड है, देखते मुँह मैं पानी आ गया." "रानी तुम समझदार हो. मेरी शादी नही हुई है. अगर तुम दोनो से मज़ा आया तू कही और नही जौंगा. तुम तू मुझसे भी ज़्यादा जानती हो. मेरे लिए छ्होटी बड़ी से कुच्छ नही होता, बस अगर औरत खुद खेले तू मज़ा आ जाता है.." इस पर माया लंड को मुठ्ठी मैं दबाती बोली, "ऐसा ही होगा, इस घर मैं वा मज़ा मिलेगा जो सोचा भी ना होगा." और झुक कर लंड को चूमा. मैं इस हरकत से मचल गया. चूतड़ को आयेज की ऊवार करते हाए किया और कहा और तू चालाक माया मेरी बेचैनी को समझ बोली, "लेते रहो राजा अभी तुमको वा मज़ा दूँगी जो छोड़ने से भी नही मिलता. यह सब मीना ने किया था." "कहा रानी वा तू अभी कुच्छ नही जानती. तुम अपने तरीके से मज़ा लो. मीना को गोली मरो." मैं इस मज़े को पा सब कुच्छ भूल गया. चूचियाँ ढीली थी पर किसी को भी पागल बनाने वाली हरकते जानती थी. लंड झटके लेने लगा. माया मेरे लंड को चूम बोली, "अब तुमको तरसना नही पड़ेगा. बस तुम मुझे अपने तरीके से करने दो." "करो माया जो जी मैं आए करो." "सच बताओ राजा कितनी छोड़ा है अब तक." "बहुत सी रानी." "सब लौंडिया थी." "हन" "तू अब मेरे जैसी जवान की लेकर देखो. लेते रहो." फिर काँटा नाथ की जवान बहू ने मेरे लंड को पकड़ा और झुक कर जीभ से चाटने लगी. मैं एकदम से मस्त हो गया. वा लंड पर जीभ चलकर चाट रही थी. पहली बार लंड चटवा रहा था. मैं उसकी चूचियों को पकड़ लंड को चटवाने लगा. माया का कहना सही था की छोड़ने से ज़्यादा मज़ा आ रहा था. आया था माया को पाटकर उसकी ननद को घर मैं ही छोड़ने के प्लान से पर अब खुद माया के लिए बेकरार हो गया था.

पति, उनके दोस्त और दोस्त के पापा ने मेरा रैप किया

हेल्लो दोस्तों
मेरा नाम आरती है ..मेरी उम्र ३४ साल और मेरे पति अमित ४० साल के हैं ...मेरे दो बच्चे हैं ........मैंने यहाँ बोहत सी कहानिया पड़ी तो सोचा की मैं अपने साथ बीती कहानी भी तुम को बताऊँ ......
तीन साल पहले की बात है .अमित के किसी रिश्तेदार के घर का महूरत था नाहन में पौंटा के पास .......उसी दिन हमारी शादी की सालगिरह भी थी ....तो अमित ने मंसूरी मैं होटल बुक करवाया ...बच्चों को मैंने अपने माता पता के घर छोड़ दिया ! महूरत के बाद लगभग चार बजे हम मंसूरी के लिए निकले ......अभी हम देहरादून से पंद्रह -बीस किलोमीटर पीछे थे कि हमारी कार बंद हो गई.,.....अमित ने चेक किया तो पता चला कि किसी ने पट्रोल निकाल लिया था .....अक्तूबर का महिना था और शाम हो चुकी थी ......आस पास जंगल था ....अमित ने कहा कोई गाड़ी आएगी तो उससे मदद मांगते हैं .........बोहत देर बीत जाने के बाद देहरादून कि तरफ से एक बस आई ....बस रोकने पर ड्राईवर बोला .."आज हड़ताल है इसलिए गाडिया नहीं आयेंगी ....और यह जंगल है और खतरनाक इलाका है आप बस में आ जाओ ...सुबह गाड़ी ले के आगे चले जाना " पर अमित ने मन कर दिया !.

बस जाने के एक घंटे बाद पोंटा कि तरफ से एक सफारी जीप आई अमित ने उन्हें रोका सफारी में दो लड़के थे पचीस -छबीस के ...दोनों बोहत भले लग रहे थे और हमने अपनी प्रॉब्लम बताई ..... ....तो वो बोले कि हमारी गाड़ी तो डीज़ल वाली है ....यहाँ से एक किलोमीटर आगे हमारा फार्म हाउस है वहां पेट्रोल वाली गाड़ी है वहां से आप तेल डलवा के आगे चले जाना ...
उन्होंने अपनी गाड़ी के पीछे हमारी कार बांधी और चल पड़े ....अँधेरा हो चुका था .......एक किलोमीटर आगे जा के उन्होंने गाड़ी एक छोटी सड़क कि तरफ मोड़ दी ....काफी आगे जा के एक बोहत ही बड़ा फार्म हाउस आया ....वहां दो बड़ी कारें खड़ी थी .... उन लड़कों में से एक का नाम सोनू दूसरे का विक्की था.....विक्की बोला " सोनू तुम गाड़ी में तेल डालो तब तक यह लोग कुछ फ्रेश हो ले और चाय पी लें " अमित ने मना किया पर दोनों ने जब बोहत कहा तो अमित मान गया ......फार्म हाउस अन्दर से भी बोहत बड़ा था.....मैं बाथरूम गई और अमित विक्की के साथ बैठ कर बातें करने लगा ........दस मिनट बाद जब मैं बाहर आई तो मेरे पैरो तले से जमीन ही निकाल गई ....अमित कुर्सी पर बंधा था .....उसका मुहँ भी बंधा था ........वहां दो और लड़के भी थे .....मैं जोर से चीखी ....और अमित कि तरफ भागी ...विक्की ने मुझे पकड़ लिया और सोनू ने अमित कि गर्दन पर चाकू रख दिया ....विक्की बोला " अगर चीखना -चिल्लाना है जितनी मर्जी जोर से चीखो यहाँ कोई सुनने वाला नहीं है ...बेहतर होगा कि आराम से बैठ कर बात सुनो" मैं अमित के पास बैठ गई !


अमित बोला "यह मेरा फारम हाउस है....मेरे पिता बोहत बड़े आदमी है हमारा इस इलाके मैं बोहत दबदबा है......यह मेरे दोस्त हैं अली और मिंटू .....सोनू को तो तुम मिल ही चुके हो.....आज हमारा यहाँ रंडी चोदने का प्रोग्राम था पर वोह हरामजादी ऐन मौके पर दगा दे गई .....पर हमारी किस्मत से तुम मिल गई........अब ये तुम पर है कि आराम से चुदवाती हो या जबरदस्ती से" ....मैं रोने लग पड़ी और उनकी मिन्नते करने लगी पर उन पर कोई असर न हुआ ........विक्की बोला "कपडे फाड़ कर नंगी करो साली को " मैं हाथ जोड़ने लगी .....तभी अमित सर हिलाने लगा और गूं-गूं करने लगा जैसे कुछ कहना चाहता हो.....अली ने अमित का मुहँ खोल दिया ........अमित बोला " मुझे खोल दो मैं इसे समझाता हूँ" अली बोला'' कोई चालाकी कि तो मार कर यही गाढ़ देंगे ....और अमित को खोल दिया .......अमित बोला " आप लोग बाहर जाओ मैं इससे बात करता हूँ .......वोह लोग बाहर चले गए ..अमित ने मुझे अपनी बाँहों में ले लिया और कहा " देखो आरती हम यहाँ बुरी तरह फंस चुके है .....यह हमें ऐसे तो छोडेगे नहीं .....बेहतर हो तुम आराम से इन्हें करने दो नहीं तो यह जबरदस्ती करेंगे और तुम्हे तकलीफ भी देंगे ....में इनसे मिन्नत करूँगा कि तुमसे आराम से करें और तुम्हे किसी तरह का नुक्सान न पहुंचाए "
मैं रोने लगी पर अमित ने बोहत समझाया और कहा मैं हूँ न तुम्हारे साथ .......और अमित मुझे लेकर बाहर आ गया ..वोह चारो लोब्बी मैं बैठ कर व्हिस्की पी रहे थे ....अमित बोले " आरती आप लोगो के साथ करने के लिए तैयार है पर हमारी बिनती है कि आप लोग गलियां वागेरह मत निकलना और जब आरती बस बोले तो उसे आराम देना ....और व्हिस्की कम पियें ताकि कोई नुक्सान न हो प्लीज़ " विक्की बोला " हम भी आराम से चोदना और मज़ा लेना चाहते है .....हम आप लोगो का नुक्सान नहीं करेंगे " अमित बोला " हमें भी पैग बना कर दो'' ........मैं कभी कभी अमित के साथ आधा पैग शेयर कर लेती थी सोनू पैग बनाने लगा तो अमित बोला पैग मैं बनाऊंगा .......अमित साइड बार पर जा कर दो पैग बना लाया ....मेरे लिए कोक वाली.........हम बैठ कर बातें करने लगे और पैग लगते रहे ......मेरे को अभी भी कुछ डर लग रहा था ...पैग ख़तम होने पर अमित दो और पैग बना लाया ...मैंने मना किया तो अमित ने कहा पी लो ये तुम्हारे भले के लिए ही है .........मुझे नशा होने लगा था .....फिर अमित ने सब से कहा अब व्हिस्की बस और सब अन्दर चलो .....हम सब बेडरूम में आ गए ......अमित मुझे बेड पर ले आया और सब से बोला आपने कपडे उतार दो ......फिर अमित मेरे को किस करने लगा और मेरे मोमे मसलने लगा ........अमित ने मेरा टॉप उतार दिया ........ फिर मेरी जींस को आराम से उतार दिया मेर आँखे बंद थी ...अमित मुझ से बोला कि आँखे खोलूं ......चारो बेड के पास नंगे खड़े थे ......सब अपने अपने लंड को मसल रहे थे .......सब के लंड एकदम खड़े थे ......विक्की का लंड बड़ा था पर अली का........बोहत बड़ा और मोटा था ....आगे से तीखा और मास कटा हुआ........अमित बोला अब पैंटी भी में ही निकलूं क्या .....तो सब लड़के बेड पर आ गए और मेरे को भी नंगी कर दिया............
मैं बेड पर नंगी चारो लड़कों के बीच पड़ी थी ..अमित बेड से उतर कर सोफे पे जा बेठा ......मैंने आँखें बंद कर ली.....मुझे खूब नशा हो चूका था .......मुझे वोह सब फिल्में और फोटो याद आ रही थी जो मैंने अमित के साथ कम्पूटर पर देखी थी.....जिनमे एक औरत कई मर्दों के साथ सेक्स करती है .....ऐसी बहुत सी फिल्म फोटो हमने देखी थी...........मैं वोह सब सोच कर बहुत गरम हो गई थी .....मैंने आँखें खोल कर देखा ....विक्की मेरी टांगो के बीच बैठा था ...उसने मेरी चूत को सहलाना शुरू कर दिया .....मिंटू और सोनू ने मेरी चुचिओं को अपने मुहँ में ले लिया ....अली ने अपना मोटा तगड़ा लैंड मेरे मुहँ में दे दिया ......कुछ देर बाद विक्की ने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया ........उसने अपनी जीभ पूरी अन्दर कर दी ........मैं सिसक उठी .........मैं बहुत गरम हो चुकी थी.......मैंने अपनी चूत ऊपर नीचे करनी शुरू कर दी....बहुत मज़ा आ रहा था......मैंने सोनू और मिंटू के लंड पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया ...........मेरे बदन पर सब हाथ फेर रहे थे........कुछ देर बाद विक्की ने अपना लंड मेरी चूत मैं डाल दिया........उसके तीन चार धको मैं ही मैं खलास हो गई ...पर वोह अपनी स्पीड पर धक्के लगता रहा......मैं पूरा मज़ा ले रही थी....



थोडी ही देर मैं मैं मस्त हो कर चूत उछालने लगी .......विक्की ने भी अपनी स्पीड बढा दी.......दस मिनट बाद वोह और मैं इकठे ही खलास हो गए......विक्की सोफे पे जा बैठा .......अब मिंटू उसकी जगह पर आ गया ........उसके बाद सोनू..........जब तीनो का काम हो गया मैं भी थक गई थी ......मेरी चूत और टांगे दुखने लगी थी.........इतनी देर से ऊपर जो उठी थी.........अली अब तक नहीं झडा था..........मैंने अपनी टांगे फैला कर लेट गई.....अली ने अपना लंड निकल लिया और मेरी चुचिओं से खेलने लगा ....कुछ देर बाद अली ने मुझे उल्टा लिटा दिया और मेरी गांड पर लंड रगड़ने लगा......मैंने मना किया और कहा मैंने कभी ऐसा नहीं किया है......तो वोह बोला कभी पहले एक साथ चार से चुदवाई थी.......नहीं न .......तो इसका भी मज़ा ले लो आज ......मैंने कहा तुम्हारा बहुत बड़ा है......तो वोह बोला ....मज़ा भी बड़ा ही आएगा ........उसने विक्की और सोनू को भी बेड पर बुला लिया......विक्की मेरे सामने लेट गया और अपना लंड मेरे मुहँ में दे दिया....मैं उसका लंड चूसने लगी ........सोनू मेरे स्तन चूसने लगा........अली ने मुझे कुतियाकी तरह कर के मेरी गांड पर खूब थूक लगे .....फिर वोह अपना लंड रगड़ने लगा .......उसने एक जोर का धक्का मारा और उसका मोटा लंड मेरी गांड मैं थोडा सा घुस गया.....मैं चीखना चाहती थी पर विक्की ने मेरा सर पकड़ कर अपने लंड पर दबा दिया......उसका लंड मेरे मुहँ मैं था और उसने जोर से मेरा सर पकड़ रखा था ......अली ने फिर धक्का मारा और सारा लंड अन्दर........मुझे लगा किसी ने मोटा पाइप गरम करके मेरी कुवारी गांड मैं दे दिया है...........मेरी आँखों मैं आंसू आ गए.........अली धीरे धीरे आगे पीछे होने लगा........कुछ ही देर मैं मेरा दर्द जाता रहा.......और मुझे मुझे मज़ा आने लगा .........विक्की नै तब अपने हाथ हटा लिए.........मैंने विक्की का लंड हाथ मैं ले लिया और साथ ही उसका लंड चूसने लगी.........मिंटू मुझे आ कर मेरी चूची से खेलने लगा........बहुत देर यही पोजीशन रही.........फिर विक्की झड़ गया .......मैंने उसका सारा वीर्य पी लिया.......बहुत अछी तरह से उसका लंड साफ़ कर दिया ........फिर मिंटू ने अपना लंड मेरे मुहँ मैं दे दिया ...........जब उसका छुटा तभी अली का काम मुझे हो गया..........उसके बाद सोनू ने अपना लंड मेरी गांड मैं दे दिया........जब वोह झडा ......उसके बाद मैं एकदम निडाल हो कर बिस्तर पर पसर गई.......और अपनी आँखें बंद कर ली...........मेरा अंग अंग दुःख रहा था पर मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं जन्नत मैं हूँ.......व्हिस्की और चार लंड का नशा मुझ पर छाया हुआ था .........बहुत देर मैं ऐसे ही लेटी रही
कुछ देर ऐसे ही आराम करने के बाद विक्की बोला चल कुछ खा पी लेते हैं ......सब लड़कों ने अपने अंडर विअर डाले मैंने भी पैंटी और अपना टॉप डाल लिया .....हम सब बाहर आ गए ......लड़कों ने डिन्नर टेबल पर लगाया ........चिक्केन ...मट्टन...चपतिया...सलाद ...सब कुछ था ......अमित ने पूछा के यह खाना कहाँ से आया तो विक्की बोला ..... हम सब का यहाँ रंडी लाने का प्रोग्राम था ... मैं और सोनू रंडी लेने गए थे ....मटन --चिक्कन ..अली ने बनाया था ....चापतिया नोकर ने......जब हम लोगो को कॉल गर्ल नहीं मिली और तुम जब मिल गए .....तो हमने अली को फोन करके नोकरो को उनके क्वाटरो में भेज दिया ....और अली ,मिंटू को छुप जाने को कहा था.........फिर हमने खाना खाया ...अली पैग लगाना चाहता था पर अमित ने मना कर दिया.......खाने के बाद हम सोफे पे बैठ कर बातें करने लगे.......सब लड़कों के बड़ा कसरती बदन थे........अली बोला ...अमित भाई ..पैग नहीं red wine तो पी सकतें हैं ...अमित बोला ठीक है .....में अमित के साथ बैठी थी....अली मेरे साथ आ के बैठ गया ....wine पीते पीते अली मेरी लातों पर हाथ फिराने लगा ....और बोला ..हमने यहाँ बहुत काल गर्ल के साथ सेक्स किया ....हर लड़की एक बार में एक लड़के को ही चड़ने देती थी...... और कोई भी इतने जोश के साथ नहीं करती थी ......अमित भाई भाभी बहुत गरम है.......विक्की बोला ......सही बात है ....कोई भी इतने मज़े से लंड नहीं चूसती .....सारा माल पी लिया भाभी ने .....मेरा जिन्दगी में ऐसा किसी ने नहीं चूसा ......अमित बोला ....ये मेरी दी हुई ट्रेनिंग है........वैसे भी आज हमारी शादी की सालगिरह है ........सब लड़कों ने हमें मुबारक बाद दी......मैं गर्म हो रही थी अपनी तारीफ़ सुन कर.......मैं उठ गई और बोली चलो सोने चलतें हैं .....अमित हँस पड़ा और बोला ...देखो कैसे मचल रही है चुदने को.......मुझे शर्म आ गई ....मैं बोली मैं तो ऐसे ही कह रही थी.....सब हसने लगे ..........हम सब बेड रूम मैं आ गए ......अमित सोफे पे लेट गया ....मैं बेड पर बैठ गई.......अली बोला ......भाभी अब तुम अपनी मर्ज़ी से करो हमारे साथ ....मैंने अमित की तरफ देखा ..तो अमित बोला मेरी तरफ क्या देख रही हो ...मज़ा करो........जैसा तुम्हे अछा लगे........मैंने अपना टॉप पैंटी उतार दी ...लड़के भी एकदम नंगे हो गए ......सब के लंड तने हुए थे .........मैंने अली को बोला की वोह लेट जाये......मैंने जब से अली का लंड देखा था ...मेरी चूत में कुछ कुछ हो रहा था .....में कब से उसे अन्दर लेना चाहती थी.....पर वोह गांड मारने का शोकीन था......अली को नीचे लिटा कर में उसके ऊपर बैठ गई ......मैंने उसका लंड पकड़ कर चूत में डलवाना शुरू कर दिया......धीरे धीरे सारा लंड अन्दर चला गया ..........उसके बाद मैंने मिंटू को बोला की मेरी चुचिओं को मसलता रहे और चूसता रहे ........सोनू का लंड मैंने मुहँ में ले लिया ........फिर मैंने विक्की को बोला की अपना लंड मेरी गांड में दे दे ........विक्की ने वैसा ही किया.... मुझे अन्दर दोनों के लंड टक्कर लगाते लग रहे थे ....मेरी चूत और गांड बहुत चिकनी महसूस हो रही थी अन्दर से ............मुझे बहुत मज़ा आ रहा था ...मुझे लग रहा था की मैं किसी ब्लू फिल्म की हेरोइन हूँ .......मैं जोर जोर से चूत रगड़ रही थी और धक्के लगा रही थी .....लंड चूस रही थी ......चुचिया चुसवा रही थी..............विक्की और अली भी जोर से धक्के लगा रहे थे ........ मैं बहुत मस्ती में थी और सिस्किया ले रही थी ....दस मिनट बाद विक्की झड़ गया और अपना गर्म वीर्य मेरे अंदर उडेल दिया ......विक्की दुसरे सोफे पे जा बैठा ....मैंने मिंटू को विक्की की जगह लेने को बोला .......मिंटू जोर जोर से मेरी गांड मारने लग गया .......मैं सोनू का लंड चोकलेट कुल्फी की तरह चूस रही थी ........पूरा का पूरा लंड ....गले तक जा रहा था ........तभी सोनू झड़ गया ....सारा का सारा माल मैं पी गई .....एक बूंद भी ख़राब नहीं होने दी.......पूरी तरह से साफ़ कर दिया ..........वोह भी निडाल हो के लेट गया ......मिंटू और अली जोर जोर से धक्के मार रहे थे ........कुछ देर बाद मिंटू भी झड़ गया .........अली अब भी भी मैदान में था.....मैं जोर जोर से चूत उछालने लगी .........जिंदगी मैं इतना बड़ा लंड पहली बार अंदर गया था ....मैं पुरे जोश में थी.......तभी अली ने जोर से मेरी चुचिया खीच ली .....वोह भी झड़ गया ...मैं तो कई बार झड़ चुकी थी.........मैंने उठ कर अली का लंड मुहँ मैं ले लिया ,.........उसके और मेरे माल का स्वाद बहुत अछा लग रहा था मुझे ........पूरा लंड अछी तरह से साफ़ करने के बाद मैंने देखा ..अमित मुस्करा रहा था .....मैं अमित के पास गई और उसको नंगा करके उसके ऊपर बैठ कर लंड अन्दर ले कर अमित की सवारी करने लगी .........कुछ ही देर मैं वोह भी झड़ गया ......कयोंकि वोह लाइव मूवी देख कर काफी उतेजित था .....मैंने उसका लंड भी चाट चाट कर साफ़ कर दिया 
बहुत थकावट हो रही थी इसलिए मैं बेड पर लेट गई ..कब मुझे नींद आ गई पता ही न चला .......सुबह जब नींद टूटी......तो देखा अली ,मिंटू, सोनू मेरे साथ सो रहे थे नंगे ........अमित सोफे पर था ....विक्की दुसरे सोफे पर था.......मेरा सारा बदन दुःख रहा था .......मैं बाथ रूम गई ....फ्रेश हुई......बाहर आई तो सब उठ गए..........मैंने अपनी टी शर्ट डाल ली ......सब फ्रेश होने लगे बारी बारी ...........फ्रेश होने के बाद अली और सोनू चाय और बिस्कुट ले आये ........चाय पी कर हम बाहर आ गए ....विक्की ने हमें सारा फार्म हाउस दिखाया ....बहुत ही सुन्दर और बढिया फार्म हाउस था............अमित बोला चलो अब नहा कर नाश्ता कर ले और हम जब अब जाना चाहते है ..........विक्की बोला ....अमित यार आज रात और रुक जाओ ......बहुत ही मज़ा आया ....आज कहीं चलते है आसपास घुमने ......रात को फिर मज़ा करेंगे ...............वैसे तुम भी तो मज़ा कर रहे हो न .......अमित बोले ....हाँ ...बहुत सालों से मेरे मन में था की इस को कोई मेरे सामने चोदे .......कंप्युटर पर जब लोग अपनी बीवी दिखाते ....उनकी फोटो दिखाते ....तब मेरे मन भी आता था ......इसकी फोटो खींच कर कंप्युटर पर लगाऊ..........पर ये नहीं मानती थी......अली बोला .....वह भाई जान ....फिर तो रुक जाओ ....आज अपने स्टाइल से चुदवाना भाभी को........अमित बोला ......नहीं ...एक काम करो .......अभी एक बार कर लेते हैं .....फिर हम लोग जायेंगे .......आप अपना नंबर दे दो .......अगर हमारा मूड बना तो हम कल यहाँ वापिस आ जायेंगे ...........अली विक्की सब अपने नंबर दे दिए........मुझे मज़ा आ रहा था .....मैं जाना नहीं चाहती थी ...रहना चाहती थी वहां पर........पर ..............फिर अमित मुझे बोला ...कि नहा लो........जब मैं जब नहा कर बाहर आई ....अमित ने ओम्लेट बनवा कर रखे थे .... अमित ने मुझे टेबल पर लिटा दिया .....अमित ने मेरे बदन पर ओम्लेट रख कर ...सोस लगा दी .....चुचियो पर ....लातो पर ...मुहँ पर ......चूत पर.......सब जगह......फिर सब लोग मेरे बदन पर से चाट चाट कर सोस और ओम्लेट खाने लगे ..............पांचो नंगो के लंड खड़े थे ..........मेरे बदन में आग लगी थी ............विक्की ने अपना लंड सोस लगा कर मेरे मुहँ में दे दिया ......सोनू मिंटू चुचिओं को चूसने लगे .........अमित चूत चाटने लगा ........अली मेरी टांगो से सोस चाट रहा था ......कि एकदम दरवाज़ा खुला और .......................
एकदम से दरवाज़ा खुला और एक पचास पचपन साल का आदमी अन्दर आ गया ........उसे देखते ही सब लड़कों को सांप सूंघ गया .......सभी भागे वहां से ......मैं भी उठ कर अपने कपडे ढूडने लगी ........अमित भी अपनी पेंट पहन रहा था.......वोह मुझे देखते हुए बाहर चले गए .......विक्की अली सब कपडे डाल कर आये और हमें बताया की वो विक्की के पिता है ......हम सब बाहर लॉबी में आ गए ......राणा साहेब वहां बैठे थे.......लड़कों को देख कर राणा जी बोले ......मुझे यह तो पता था की तुम लोग कभी कभी मस्ती के लिए यहाँ कॉल गर्ल लाते हो .....वोह तो मैं बर्दाश्त कर लेता था ...पर कल रात जब मुझे पता चला की तुम ने किसी को अगवा किया है तो मैं सीधा मुंबई से यहाँ चला आया.......कुछ शर्म करो विक्की ......कुछ तो मेरी इज्ज़त का ख्याल करो ........विक्की राणा जी से माफ़ी मांगने लगा ........राणा जी बोले ....अब भाग जाओ यहाँ से...........सीधे फैक्ट्री जाओ ...मैं तुम्हे वहीँ मिलूँगा..............सभी लड़के वहां से चले गए........


राणा जी हम लोगो से बार बार विक्की की करतूत के लिए माफ़ी मांगने लगे ...अमित बोला कोई बात नहीं राणा जी ....उन्हों ने गलती की आप ने माफ़ी मांग ली अब हमें भी जाने की इजाज़त दीजिए ...राणा जी बोले ...तुम लोग मंसूरी जा रहे हो तो वहां मेरा एक बंगला है .....तुम लोग वहां जा के रहो ...... अमित बोला नहीं हमारा होटल रूम बुक है तो राणा जी बोले .....मुझे अछा लगेगा अगर तुम वह जा के रहोगे तो.......राणा जी के बोहत जोर देने पर अमित मान गया .....
राणा जी हमें बाहर छोड़ने आये .....हमें पता दिया अपने बंगले का.....


रस्ते में अमित बोला ....राणा जी विक्की की करतूत के लिए माफ़ी मांग रहे थे उन्हें क्या पता की हम उनकी करतूतों का मज़ा ले रहे थे......मैं बोली .....और क्या इतना मज़ा आ रहा था की बूढा बीच में ही आ गया .....एक आधा घंटा रुक कर आता तो क्या बिगड़ जाता उस का.......अमित मेरी तरफ देखने लगा ......और बोला .....जब मैं तुमसे पूछता था किसी और के साथ करने को तब क्यों मना करती थी ....अब क्या हो गया.....मैं बोली ....... जब तुम कहते थे यह सब करने को .....तो मैं हमेशा यही सोचती थी की कुछ भी हो जाये किसी दुसरे मर्द के साथ सेक्स नहीं करुँगी .......पर जब लड़कों ने अगवा किया और जबरदस्ती करने को बोलने लगे तब भी मैंने यही सोचा था की मर जाउंगी पर किसी को हाथ नहीं लगाने दूँगी .......फिर जब तुमने समझाया ....तो मैंने भी यही सोचा .......की करना तो उन्होंने है ही .....बेहतर है की मज़ा ही ले लिया जाये .......व्हिस्की पीने के बाद तो मैं खुद को ब्लू फिल्म की हेरोइन समज रही थी ......और वैसे भी मैंने कभी सपने मैं भी नहीं सोचा था की इतना मज़ा आता है ऐसे करने में.....यह पता होता तो कब से शुरू कर देती यह ............अमित बोला ...तो अब मेरे से वादा करो की अगर तुम्हारा मन किया किसी और से करने को तो शर्म नहीं करोगी मुझे बता दोगी.......मैं बोली ....शर्म करके अपना नुक्सान क्यों करवाउंगी मैं ......अमित हसने लगा.......हम लोग राणा जी के बंगले पहुँच गए ....बहुत बड़ा और आलिशान बंगला था ......फार्म हाउस से भी आलिशान ......वहां नोकरों ने बताया की राणा जी का फोन आया था ....हमारे बारे में.......... नोकर ने हमें हमारा कमरा दिखाया ......हम लोग नहा कर खाना खाने के लिए लॉबी में आ गए .....बहुत शानदार खाना तयार था .....खाना खा के हम लोग घुमने जाने लगे ......




नोकर गाड़ी ले कर तयार खडा था .....हम काफी घूमे....बहुत सी जगह देखी......रात को हम वापिस आ के कपडे बदल के बंगला देखने लगे .........बार में बहुत किस्म की विदेशी शराब की बोतलें पड़ी थी .....मैंने दो पैग बनाये और पैग पीते हुए टी वी देखने लगे ..........दो दो पैग लगा हम ने खाना खाया और बाहर लॉन में घुमने लगे .......बातों बातों में राणा साहेब का जिकर आया तो मुझे उनपर बहुत गुस्सा था सो मैं खूब बोली उन के खिलाफ ......फिर हम ने अन्दर आ के दो गिलास भरे red wine के और अपने रूम मैं आ गए .........हम लोग सोफे पे बैठ कर wine पी रहे थे की अमित ने मेरा टॉप उतार दिया और wineमेरे स्तनों पर उडेल दी और चाटने लगा ..........कुछ देर बाद मुझे नंगी कर बीच टेबल पर लिटा सारे बदन पर wine डाल डाल कर चाटने लगा ........मैं गर्म हो रही थी .....मुझे वोह सीन याद आने लगा जब सब लड़के मुझे टेबल पर लिटा सोस चाट रहे थे ...पांच पांच जीभे ....दस हाथ मेरे बदन पर फिर रहे थे ....यही सोचते सोचते मैं बहुत गर्म हो गई और मैंने उठ कर अमित को नंगा कर बेड पर लिटा दिया और उसका लंड मुहँ मैं ले कर चूसने लगी .......मैं बहुत ही उतेजित थी और बहुत जोर से उसका लंड चूस रही थी ........एकदम से अमित का वीर्य छूटा मैंने सारे का सारा चाट लिया .......मेरा बदन जल रहा था ऐसा लग रहा था की चूत के अन्दर आग लगी है .........मैंने अपनी चूत अमित के मुह पर टिका दी .....अमित ने अपनी साड़ी जीभ मेरी चूत के अन्दर डाल दी.....मैं जोर जोर से चूत रगड़ने लगी ..........अमित खूब जोर लगा के चाट रहा था ........मैं भी बहुत जयादा उतेजित और गर्म थी सो कुछ ही देर मेरा भी काम तमाम हो गया..........मैं अमित के ऊपर ही लेट गई ......पर मेरी तसल्ली नहीं हुई थी अभी ...सो मैं अमित का लंड पकड़ कर सहलाने लगी .....जब वोह कुछ उतेजित हुआ मैंने उसे मुह मैं ले कर चाटने लगी ......जब पूरी तरह खडा हो गया मैंने अमित के ऊपर बैठ कर अपनी चूत में डाल लिया और अमित की सवारी करने लगी ......में जोर जोर से चूत रगड़ रही थी .......मैंने अमित के दोनों हाथ पकड़ कर अपने स्तनों पर रख दिए .....और उसे बोला की जोर से मसलो और खींचो इनको..........मैं जोर से ऊउह अआह की अव्वाज कर रही थी और जोर से धक्के लगा रही थी .....एकदम जंगली हो चुकी थी मैं ............मेरा दिल कर रहा था की अमित नोच ले मेरे बदन को......तभी अमित का छूट गया ....मेरा दो बार छूट चूका था ....पर मैं अभी भी अमित की सवारी कर रही थी ......कि अमित का लंड ढीला हो कर बाहर आ गया ......मैं बेड पे लेट गई .......मैंने कभी भी ऐसे नहीं किया था अमित के साथ .....कुछ देर बाद अमित बोला ....जानेमन मज़ा तो बहुत आया आज .....पहली बार तुमने इतने जोश के साथ किया .....पर कृपया मेरा धयान रखना ....इतनी जोर से दबा दबा कर रगडोगी तो मेरा तो टूट कर अन्दर ही रह जाये गा किसी दिन .........मैं हंस कर बोली ...अछा है हमेशा अन्दर ही रहेगा .....अमित बोला बहुत चालू हो गई हो एक ही दिन में.......फिर हम दोनों सो गए................सुबह उठ कर तयार हो हम घुमने चले गए ...शाम को हम घूम कर वापिस आये ....मैंने नहा कर सिर्फ टॉप डाला और बाहर आ गई .....अमित भी नहा कर निक्कर डाल बैठ गया .....बाहर ठण्ड थी पर कमरा गर्म था ....ब्लोवर चल रहा था ......अमित व्हिस्की ले आया ......हम दोनों पैग लगते हुए टी वी देखने लगे कि किसी ने दरवाज़ा खट ख़्टाय़ा .......................
अमित बोला ....कोई नोकर होगा खाने के बारे मैं पूछने के लिए .........मैंने सिर्फ टॉप डाला था सो मैं बेड पर बैठ गई और अपने को कम्बल से ढक लिया .......अमित ने दरवाजा खोला तो सामने राणा साहेब खड़े थे ....अमित ने उन्हें हेल्लो कहा और राणा जी को अन्दर बुला लिया ...राणा जी बोले ........आज यहाँ एक मीटिंग थी सो यहाँ आया तो सोचा तुम लोगो से भी मिलता चलू..........राणा जी अन्दर आ सोफे पे बैठ गए और मुझे नमस्ते कहा ....मैंने भी नमस्ते कहा ...राणा जी बोले ....मैं विक्की और उसके दोस्तों के किए पे बहुत शर्मिंदा हूँ ....प्लीज़ उन्हें माफ़ कर देना .....अमित बोला .....माफ़ तो आप के कहने पर कल ही कर दिया था .......राणा जी हाथ जोड़ कर हम दोनों से शुक्रिया बोलने लगे ...और मन में सोचा ....आज फिर बूढा मज़ा खराब करने आ गया ......मेरा मूड खराब हो रहा था सो मैंने टी वी का रिमोट उठा कर चेंनल बदलने लगी ....राणा जी ने टेबल पर देखा और बोले .....अरे तुम लोग पैग लगा रहे थे ......अमित मेरे पास एक बहुत ही बढिया शराब है मैं अमरीका से लाया था ......अभी मंगवाता हूँ वो पी के देखो ......अमित के मना करते करते राणा जी ने नोकर को आवाज़ दी और उसे सामान मंगवाने लगे ........कुछ ही देर में नोकर बोतलें और बहुत सा खाने का सामान ले आया .....राणा जी ने अमित का और खुद का पैग बनाया और एक दूसरी बोतल से एक पैग बना मुझे पकडाते हुए बोले ......यह औरतों के लिए स्पेशल है ......पी के देखो ......मैंने गिलास ले लिया ...मन ही मन राणा को गालिया देते मैंने गिलास मुहँ को लगाया .......पर वाकई बहुत ही लाजवाब सवाद था शराब का ...बिलकुल स्ट्रा बेरी जैसा ......राणा जी अमित से बातें करने लगे ...उसके काम के बारे में बातें करने लगे .......तभी नोकर चिक्कन टिक्का दे गया .....राणा जी ने उठ कर मुझे प्लेट दी ......उसके बाद राणा जी अमित का एक और पैग बना कर देने लगे तो मैंने अमित से कहा ......अमित अब बस करो तुम पहले ही दो पैग लगा चुके हो ....अमित बोला ....अरे फिर क्या हुआ ....मैं कोई बहका थोड़े ही हूँ ...वैसे भी यह विदेशी शराबें जयादा तेज नहीं होती ........राणा जी भी हाँ में हाँ मिलते हुए बोले ......बिलकुल आरती यह जयादा तेज नहीं है .......तुम्हारी वाली तो wine से भी कम तेज है........उन्होंने यह कह कर मेरे वाली बोतल मेरे पास रख दी .......अमित अपने कारोबार वगेरह के बारे में बता रहा था ....राणा जी अपने कारोबार के बारे में .......राणा जी ने बताया उनकी बहुत सी फक्ट्रिया थी बहुत से शहरों में......बहुत फैला हुआ कारोबार था...राणा जी और अमित का पैग ख़तम हुआ तो राणा जी ने और बना लिया ...मेरा पैग ख़तम हुआ तो मैंने भी एक और बना लिया ......क्योंकि राणा जी ने कहा था के यह ज्यादा तेज नहीं है .......मुझे बहुत गर्मी महसूस हो रही थी ..पता नहीं शराब की गर्मी थी या कमरा गरम हो चुका था ...मैंने अमित से ब्लोवेर बंद करने को कहा तो राणा जी ने उठ कर बंद कर दिया ......कुछ देर बाद मुझे अहसास हुआ की अमित बहक गया है .....राणा जी ने उसके गिलास में और शराब डाल दी .....मैंने अमित को मना किया पर वोह नहीं माना ...उठ कर गिलास में छीन नहीं सकती थी ......क्योंकि मेरे तन पर सिर्फ टॉप था ........राणा जी अमित से बोले .......अमित मैं तुम से एक बात पूछना चाहता हूँ ........अमित बोला .......पूउऊ ...छोऊऊऊओ रा ना साहेब .......राणा जी बोले ........मैं मुंबई में था तो मेरे नोकर ने फोन पर बताया कि विक्की और उसके दोस्त किसी दम्पति को अगवा कर लाये है ....यह सुन मैं वहां से भागा आया ...पर जब मैं फार्म हाउस पहुंचा तो मैंने यह देखा कि तुम भी विक्की और लड़कों के साथ लगे थे और आरती भी विरोध नहीं कर रही थी .....यह चक्कर क्या है ....

अमित बहकती आवाज़ में बोला .....''वोह राणा जी बात यह है अगवा तो लड़कों ने किया था और जबरदस्ती भी करना चाही पर मैंने सोचा कि अगर लड़के आरती से जबरदस्ती करेंगे तो इस के मना करने या शोर करने पर मार पीट भी करेंगे तो कोई चोट भी लग सकती है ....बेहतर है कि वोह जो करना चाहतें है करने दिया जाए इस लिए मैंने आरती को भी यही समझाया ''.............राणा जी बोले ''''...चलो मान लेता हूँ तुम्हारी बात पर सुबह तुम भी नंगे हो साथ में क्या कर रहे थे '''..........अमित बोला '''''इसको भी मज़ा आ रहा था और मुझे भी सो मैं भी लग गया लड़कों के साथ और पता है जब आप आये तो हमें बहुत बुरा लगा हमें आप कवाब में हड्डी लगे क्यों आरती ''......मुझे शर्म आ रही थी पर मैं कुछ नहीं कर सकती थी मुझे भी सरुर हो रहा था ....सर भारी हो रहा था .......मुझे अब समझ आया राणा जी अमित को ज्यादा शराब पिला बहका क्यों रहे थे ..........राणा जी ने अमित को एक और मोटा सा पैग बना कर दिया ......मैं मना कर रही थी पर वोह सुन ही नहीं रहा था मेरी बात .......तभी राणा जी बोले """दस साल पहले ..दो साल बीमार रहने के बाद मेरी बीवी चल बसी ....मैंने उसके मरने के बाद अपना सारा धयान विक्की कि परवरिश पर और काम पर लगाया ........मैंने दूसरी शादी भी नहीं कि कहीं सोतेली माँ विक्की कि परवरिश ठीक से ना कर पाए ''.....बात करते करते राणा जी कि आँखों में आंसू आ गए .......अमित पैग ख़तम कर चुका था .....अमित ने सर सोफे पे टिका आँखें बंद कर ली .....राणा जी सोफे से उठ गए और धीरे धीरे बेड कि तरफ चलते हुए बोलने लगे '''''मैंने विक्की कि माँ के बीमार होने पर या उस के मर जाने के बाद किसी औरत के बारे में सोचा तक नहीं ....सेक्स तो दूर कि बात है .....मैंने अपनी जिन्दगी में अपनी बीवी का ही नंगा बदन देखा था ...पर कल जब तुम्हे नंगे बदन देखा तो मेरा मन बैचैन हो गया .....मेरे दिमाग में कल से तुम्हारा बदन कोंध रहा है .....काम में भी दिल नहीं लगा तभी मैं यहाँ चला आया'' ......बोलते बोलते राणा जी बेड पर मेरे पैरों कि तरफ बैठ गए .....मैं घबरा गई थी मैंने अमित कि तरफ देखा तो वोह सोया पड़ा था ...राणा जी बोले '''''आरती तुम बहुत ही खुबसूरत हो बहुत ही कमसिन और कसा हुआ बदन है तुम्हारा .....तुम्हे और तुम्हारे बदन को देख कर नहीं लगता कि तुम दो बच्चों कि माँ हो '' बोलते बोलते राणा जी ने अपने हाथ मेरे घुटनों पर रख दिए...मैंने उनके हाथ हटा दिए और बोली .."आप चले जाइये यहाँ से .....मुझ से ऐसी बातें मत करिए""पर राणा जी नहीं टले '''बोले तुम्हारा बहुत उपकार होगा मुझ पर अगर तुम मुझे सेक्स करने कि इजाज़त दे दो ....मैंने किसी से भी सेक्स नहीं किया है बारह सालों से ......तुम्हारा गोरा गोरा बदन मेरे दिमाग में छाया हुआ है ...में पागल हो रहा हूँ" ......बोलते बोलते राणा जी ने कम्बल खींच लिया .......मैंने कुछ पहना तो था नहीं नीचे .......मेरी टाँगे नंगी थी और मेरी चूत भी दिख रही थी ......राणा जी कि आँखें फटी रह गई यह देख कर .....मैं सकपका गई ......मैं राणा जी को भगाना चाहती थी पर मेरा बस नहीं चल रहा था
मैं राणा जी को भगाना चाहती थी .....अमित सोफे पे सोया पड़ा था एकदम बेखबर कि एक बूढा उसकी बीवी को चोदना चाहता है .....मुझे अमित पर बहुत गुस्सा आ रहा था .......राणा जी बोले " मैंने जब तुम लोगों को फार्म हाउस में देखा ...कि तुम अपनी मर्ज़ी से अपना नंगा बदन पांचो से चटवा रही थी ...तो मेरे दिमाग में आया हो न हो तुम कोई कॉल गर्ल हो जिसे अमित ले कर मज़ा करने जा रहा होगा ...लड़कों ने तुम लोगों को अगवा कर लिया और तुम अपनी मर्ज़ी से इसी लिए करवा रही हो......इसी लिए मैंने तुम लोगों को यहाँ रहने कि मिन्नत की....इसी लिए मैंने अमित को ज्यादा शराब पिलाई ताकि वोह टल्ली होकर सच बोले .......पर जब उसने बताया कि तुम लोग मिया बीवी हो तो मैंने उसे और मोटा पैग पिला उसे बेहोश कर दिया ........आरती मैंने जब से तुम्हारा बदन देखा है मैं तुम्हारा दीवाना हो गया हूँ ......मैंने सिर्फ अपनी बीवी को ही नंगा देखा है किसी और औरत को हाथ तक नहीं लगाया .......मैं चाहता तो किसी भी टॉप मोडल या टॉप की कॉल गर्ल पर भी पैसा खर्च सकता था पर मैंने अपना मन मज़बूत किए रखा ........जब मैंने तुम्हे देखा तो मैं बस पागल हो गया तुमने मेरी सालों कि तपस्या भंग कर दी .......मुझे लगा कि अगर तुम कॉल गर्ल होगी तो अमित को बेहोश कर तुमसे सोदा करूँगा तुम्हारी एक रात के लिए .....पर तुम अमित कि बीवी हो .......इसलिए तुम से सोदा तो नहीं पर बिनती कर रहा हूँ ....मुझे एक बार करने दो....प्लीज़ '''

मैंने कहा '''मैं कोई कॉल गर्ल तो नहीं हूँ .....परसों रात या कल जो हुआ वोह मज़बूरी थी .....या यह कह लीजिए मज़बूरी थी ....या तो मार खा के करवाती या मज़ा ले कर......मार खा के करवाने से मज़ा लेना बेहतर समझा इसी लिए चटवा रही थी ......पर अब कोई मज़बूरी नहीं है ....आप यहाँ से चले जाये ....आप कोई कॉल गर्ल से कर लेना ......प्लीज़'''

राणा जी बोले ''करूँगा तो तुम्हारे साथ ..नहीं तो किसी के साथ नहीं .......जैसा की मैंने पहले भी कहा ....तुम दूसरी औरत हो जिसका नंगा बदन मैंने देखा है ......अगर मैं बारह सालों तक अपने मन पर काबू कर सका तो आगे भी कर सकता हूँ ....पर मैं तुमसे बिनती करता हूँ मुझ पर उपकार करो मैं जीवन भर तुम्हारा आभारी रहूँगा .....सिर्फ एक बार प्लीज़''

मैंने सपने में भी नहीं सोचा था की कोई मर्द ऐसे भी चूत के लिए ऐसे मिनतें कर सकता है ......मैं सोचने लगी राणा जी मुझे नंगी देख भी चुके हैं ...अभी भी मेरी चूत इनके सामने नंगी है ......अमित बेहोश है .....एक बार करने देती हूँ .....और वैसे भी ये बूढे हैं ...बारह सालों से किया भी नहीं है ...दो मिनट में काम तमाम हो जायेगा इनका ...यह सोच मैंने कहा ''ठीक है सिर्फ एक बार ....और आप बाहर चले जायेंगे ......सुबह हम लोग वापिस चले जायेंगे ......अमित को कुछ पता नहीं चलना चाहिए ......

राणा जी के चेहरे पर ऐसी रोनक आ गई जैसे कोई खजाना मिल गया हो .......मैं बिस्तर पर पसर गई ......राणा जी ने फटाफट अपनी कमीज़ पेंट खोली .....बनिआन उतारी और मुझ पर छागए .........दोनों हाथों से मेरे स्तन दबाने लगे .....राणा जी के हाथ काफी बड़े थे और गर्म भी थे ......मेरा सारा बदन झनझना गया ......वोह अपने हाथ मेरे बदन पर फिराने लगे .......धीरे धीरे अपना हाथ मेरी चूत पर ले गए .......और उसे सहलाने लगे ........फिर वोह मुझ पर लेट कर अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ने लगे .......मैंने अपना टॉप उतारा नहीं था ..सिर्फ ऊपर किया हुआ था ....राणा जी ने भी अंडरवियर नहीं उतारा था ........उनका बड़ा बहुत गठीला था .....एकदम कसरती ....कसा हुआ ......जब वोह मुझ पर लेटे तो मुझे उनका बदन बहुत गर्म लगा ...जैसे उन्हें बहुत बुखार हो .....बाहर ठण्ड थी ...उनका गर्म शरीर मुझे बहुत अछा लग रहा था .......वोह अपना शरीर मुझ पर रगड़ रहे थे ....मुझे लगा अगर यूँ ही रगड़ते रहे तो ऐसे ही इनका छुट जायेगा .......कुछ देर देर बाद राणा जी लाइट बंद करने लगे ....मैंने कहा लाइट जगने दो ऐसे ही कर लो ...पर वोह लाइट बंद करना चाहते थे ...मुझे लगा कोई गड़बड़ है ....मैंने कहा ....ऐसे ही करलो वर्ना रहने दो.......राणा जी के पास कोई और आप्शन न थी ......उन्होंने जब अपना अंडरवियर उतारा तो 
राणा जी ने जब अपना अंडरवियर उतारा तो मैं उनका लंड देख कर हैरान रह गई .......उनका लंड करीब करीब अली जितना लम्बा था पर मोटा बहुत ही ज्यादा था ......मैं घबरा कर बोली........मैं तो यह नहीं लूंगी..........राणा जी मिन्नत करते हुए बोले ......मैं बहुत आराम से करूँगा ...तुम जितना बोलोगी उतना ही डालूँगा ..........मैं कुछ सोच नहीं पा रही थी ....मेरा दिमाग सुन्न हो गया था ........फिर मैंने एक तरकीब सोची ....मैंने कहा .....आप बेड पर लेट जायिए ....जो करना है मैं करुँगी ..आप कुछ नहीं करेंगे ..........राणा जी फटाफट लेट गए .......मैंने सोचा लंड को मुहँ में डाल के ही इनका छुड़वा दूंगी .....बस .........मैंने राणा जी का लंड हाथ में पकडा और ऊपर निचे करने लगी .......बहुत गर्म था उनका लंड .....एकदम तराशा हुआ .....ऊपर से पतला पर जड़ तक जाते जाते मोटा ...जैसे कोई मीनार हो .....एकदम गोरा ......मैंने ऊपर नीचे करते देखा तो उनके लंड का मास निचे हुआ तो देखा ....लंड का सुपाडा एकदम लाल था ......जैसे सारा खून सुपाडे में आ गया हो..........मैंने उनका सुपाडा मुहँ में लिया और चूसने लगी .....साथ साथ में लंड को हाथ से ऊपर निचे कर रही थी .......मेरी चूत से पानी रिसने लगा था .....राणा जी ने अपने हाथ बढा कर मेरी चुचिया पकड मसलने लगे ....मेरा बदन झनझना गया .......मैं जोर से चूसने लगी और हाथ तेजी से ऊपर नीचे करने लगी ........राणा जी के मुहँ से आवाजें निकल रही थी ....ऊऊऊऊऊऊऊउ आआआआआआआह .........म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म मैं पूरे जोश से चूस रही थी ....राणा जी ने अपने हाथ मेरे सर पर रख बालों में फिराने लगे ...........मैं बहुत देर चुस्ती रही पर राणा जी का नहीं छुटा..........मैंने सोचा की इसे चूत में ले कर देखती हूँ .......इसलिए मैं लंड को अपने थूक से अछी तरह गीला करने लगी ....... मैं सारे लंड को अपने थूक से गीला करने के बाद राणा जी के ऊपर सवार हो गई .........मैंने अपना एक हाथ राणा जी के कंधे पे रखा और दुसरे हाथ से लंड पकड़ लंड का सुपाडा चूत पर घिसने लगी......फिर पॉइंट पर टिका थोडा सा लंड अंदर ले लिया ....और ऊपर नीचे चूत हिलाने लगी .....जब लंड कुछ एडजस्ट हुआ तो थोडा और अन्दर ले लिया ......मेरी चूत से छमाँछम पानी छूट रहा था .....एकदम गीली महसूस हो रहा था अन्दर से .......इसी तरह धीरे धीरे काफी समय लगा अपने हिसाब से मैंने पूरा लंड जड़ तक अंदर ले लिया .....मुझे महसूस हो रहा था की जैसे कोई गरम मोटी स्टील की पाइप मेरी चूत के अन्दर डली हो ......अन्दर दीवारों पर और नाभि तक लंड महसूस हो रहा था ........पूरा लंड लेने के बाद जैसे ही मैंने पहला घसा मारा ......मेरा छूट गया ........मैं राणा जी के ऊपर ढेह गई ......राणा जी ने मुझे अपनी बाँहों में कास लिया ...कुछ समय बाद मैं सीधी हो बैठ गई ...लंड अंदर ही था ...एकदम तना हुआ .......मैं ऊपर नीचे होने लगी .........मैं फिर से उतेजित हो चुकी थी ........मैंने राणा जी के हाथ पकड़ कर अपनी छातियो पर रखे और बोली ........मसल दो इनको आज अछी तरह से .......आआआआआअह ऊऊऊऊऊउह जोर से खींचो ................मैंने अपने हाथ राणा जी के कंधो पर टिका रखे थे .......मैं जोर जोर से अपनी गांड उछाल रही थी राणा जी भी अपने चुतड उछाल उछाल कर मेरा साथ दे रहे थे ........छपाक छपाक की आवाजें आ रही थी ......राणा जी होंठ भींच कर म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म् म्म्म्म ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊह की आवाजें लगा रहे थे .........बहुत देर ऐसे ही करने के बाद मेरा एकदम से छूट गया .......मैंने कुछ और धक्के लगाये और राणा जी की छाती से लग गई और जोर जोर से साँसे लेने लगी ....मेरा सारा बदन पसीने से भीग गया था ...............राणा जी बोले ....क्या हुआ मेरी जान .......मैंने कहा ''मेरा काम हो गया है......राणा जी बोले ''पर मेरा नहीं छुटा अभी तक .......मैंने कहा '' मेरी तो हिम्मत नहीं है आप ऊपर आ जाओ ''''' मैं राणा जी के ऊपर से जब उठी और उनका लंड बाहर निकाला तो देखा उनका लंड एकदम तरबतर था .....मैं नीचे लेट गई ........राणा जी ने अपना लंड मेरी चूत पर टिका अन्दर ठेलने लगे .......मैंने भी अपनी चूत ढीली कर दी ....लंड आराम से अंदर चला गया ..........राणा जी ने मेरी टाँगे उठा अपने कन्धों पर टिका ली और धक्के मारने लगे ........इस पोज़ में मुझे उनका लंड नाभि से भी ऊपर जाता लग रहा था .........राणा जी के धक्के मारने का ढंग भी सब से जुदा था .......वोह लगबग पूरे से कुछ कम लंड बाहर निकाल फिर उसी वेग से अन्दर घुसाते धक्के लगा रहे थे .......हरेक धक्का मुझे अपने शरीर के हर जोड़ पर लगता लग रहा था ..... मेरा पूरा बदन हिल रहा था ..........मुझे अपनी चूत की दीवारें छिलती महसूस हो रही थी ........मैंने अपने होंठ भींचे हुए थे .......मेरे मुहँ से म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म् म्म
ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ की आवाज़ निकल रही थी ...........मुझे महसूस हुआ की कुछ ही पल में मेरा फिर से हो जायेगा मैंने राणा जी से पूछा " कब छुटेगा आप का ......राणा जी मसुमिअत से बोले ...वही तो कोशिश कर रहा हूँ .......तबी मेरे दिमाग में आया जब अमित ज्यादा शराब पी लेता है और उसका नहीं छूटता है वही तरीका आजमाती हूँ ......मैंने दोनों हाथों से राणा जी की चुचिया पकड़ कर मसलने लगी .....राणा जी फुल सपीड से धक्के लगा रहे थे .......मैंने जब चुचिया मस्लनी शुरू की राणा जी के मुहँ से ईईईईईईईईईईईईईस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स ऊऊऊऊऊऊऊऊम्म्म की आवाजे निकलने लगी .....मुझे पता चल गया मेरा फार्मूला काम कर गया ..........तभी मेरा छूट गया ...मेरा बदन ऐठने लगा की तभी राणा जी भी जोर से ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह की आवाज़ करते मुझ पर आ गए .......मैंने उन्हें अपनी बाँहों में ले लिया .....राणा जी अभी भी धक्का लगा रहे थे और हरेक धक्के में मुझे राणा जी के गर्म गर्म वीर्य का फोवारा अपनी चूत के अन्दर महसूस हो रहा था .........आठ दस जोर के धक्के लगाने के बाद राणा जी मुझ पर पस्त हो गए ....हम दोनों एक साथ ही छूटे थे ....हमने एकदूसरे को बाहों में ले रखा था ........मैं राणा जी की धड़कने साफ़ महसूस कर रही थी .........मुझे बहुत अछा लग रहा था उनकी बाँहों में....................................


कुछ देर हम ऐसे ही लेटे रहे ......मुझे अपना और राणा जी का वीर्य अपनी चूत से बहता महसूस हो रहा था .......मुझे बिस्तर भी गीला गीला लग रहा था मैंने राणा जी को साइड में होने को कहा ....जैसे ही राणा जी ने लंड निकाला मुझे लगा की बहुत सा वीर्य बाहर निकला है ......मैंने उठ कर देखा तो राणा जी का लंड एकदम वीर्य से लथपथ था ...राणा जी अपनी बनिआन से उसे साफ़ करने लगे तो मैंने बनिआन उनके हाथ से ले ली और बोली में साफ़ करती हूँ .......पहले मैंने अपनी चूत साफ़ की .......बहुत माल निकला अन्दर से ...बनिआन काफी गीली हो गई थी ...फिर मैंने राणा जी का लंड मुहँ में ले कर साफ़ करने लगी ....अछी तरह से चाट चाट कर मैंने पूरा लंड एकदम साफ़ कर दिया .....लंड पहले से भी ज्यादा गोरा और लाल महसूस हो रहा था ......जब मैंने पूरा साफ़ कर दिया तो मैं राणा जी के साथ लेट गई ...राणा जी ने मुझे खींच कर अपनी छाती पे लिटा लिया .....और अपनी बाहों में भर लिया ........मुझे बहुत अछा लग रहा था क्योंकि जब मैं और अमित करते थे तो करने के बाद हम अलग अलग लेट जाते थे .....मुझे राणा जी की छाती पे लगे ऐसा मेसूस हो रहा था जैसे इनका और मेरा कोई पुराना सम्बन्ध हो .....मैं ऐसे ही लेटे लेटे सो गई ..........कुछ देर बाद मुझे पेशाब करने की इच्छा हुई ...मैं उठ कर पेशाब करने चली गई ,.........पेशाब करते हुए मुझे कुछ जलन सी हुई ....जब मैं बाहर आई राणा जी उठ कर जाने लगे .....मैंने पूछा क्या हुआ तो वोह बोले ''तुमने एक बार करने की इजाज़त दी थी अब तुम आराम करो .......मैंने राणा जी का हाथ पकडा और उन्हें बेड की दूसरी तरफ बिठा दिया क्योंकि जहा हमने किया था वहां चद्दर एकदम गीली थी ..........राणा जी पुश्त पर पीठ टिका बैठ गए .......मैंने शराब का एक पैग बना राणा जी के साथ बैठ गई ........मैंने पैग राणा जी को दिया और कम्बल से अपने दोनों के शरीर ढक सर राणा जी के कंधे पे टिका राणा जी की छाती के बालों पे हाथ फिराने लगी ................


राणा जी मेरे बालों में अपनी उंगलिया फिरते हुए बोले '' आरती मैंने अपनी जिन्दगी में कभी ऐसे सेक्स नहीं किया .....मेरी बीवी सीधी लेट जाती थी और बस ....जो करना है आप करो.......ज्यादा खुश हुई तो घोडी बन कर करवा लेती थी ...........पहली बार मैंने जिन्दगी में चुस्वाया है .......और इतना मज़ा .......में कभी सोच भी नहीं सकता था.........मेरा दिल कर रहा है की तुम्हे अपने पास रख लू हमेशा के लिए''' ..........मैं कुछ न बोली.........राणा जी बोले '''''जानती हो जब मैंने तुम्हे पहली बार देखा था तो मुझे लगा की तुम से मेरा कोई पुराना सम्बन्ध है ......कि मैं तुम्हे बहुत पुराना जानता हूँ......कि तुम कोई अपनी ही हो.......तुम्हे ऐसा महसूस नहीं हुआ क्या ??????..................मैं बोली ....... नहीं ...पहले तो ऐसा नहीं लगा था ...पर जब आप ने मुझे छाती से लगाया तो मुझे भी यही लगा था '''' राणा जी बोले '''सच .......मैं तो तुम्हारा दीवाना हो गया हूँ ''''........और उन्होंने ने मुझे बाँहों में ले मेरे माथे पे किस करने लगे ..........
फिर मैंने पूछा ....''आप ने लगबग अमित के बराबर ही शराब पी थी फिर आप को क्यों नहीं चडी ....अमित ही टल्ली क्यों हुआ''
राणा जी बोले'''''मैं कभी भी दो से ज्यादा पैग नहीं पीता .....आज तो लगबग आधा ही पैग पिया था मैंने .......अब तुमसे क्या छुपाना ........मैं अपना पैग तुम लोगो कि नज़र से छुपा कर सोफे पे उडेल देता था .....अगर मैं भी टल्ली हो जाता तो मुझे तुम्हारा साथ कैसे मिलता'''
मैंने कहा ''शक्ल से तो आप बहुत भोले और मासूम दिखते हो पर हो बहुत चालाक'''राणा जी बोले '''तुम्हे पाने कि चाहत ने सब सिखा दिया '''मैं बोली ''अगर मैं ना करने देती तो ??????
राणा जी बोले '''न करने देती तो तुम्हारी और मिन्नतें करता ...फिर भी न मानती तो चल जाता यहाँ से ...पर जबरदस्ती न करता''
मुझे बहुत प्यार आया राणा जी पर और मैंने ऊपर उठ अपने होंठ राणा जी के होंठो पर रख राणा जी के होठों को चूसने लगी ....फिर धीरे से राणा जी नीचे सरक कर लेट गये .......मैं उनके होंठ चूस रही थी .....फिर मैंने उनके चेहरे को किस करती हुई उनका कान मुहँ में ले चूसने लगी ......मैंने कम्बल साइड में किया और राणा जी के ऊपर सवार हो गई ....फिर मैं धीरे धीरे उनकी गर्दन पर किस करते हुए अपनी जीभ से उनकी छाती चाटते हुए नीचे सरक गई .......उनकी चूची पर अपनी जीभ फिराने लगी .......राणा जी के मुह से सिसकारी निकल रही थी ......ईईस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स
फिर मैं दूसरी चूची को अपने अंगूठे और ऊँगली से धीरे धीरे मसलने लगी ..............राणा जी मस्त हो रहे थे ......उनका लंड सांप कि तरह फुफकारने लगा था .........फिर मैंने दूसरी चूची भी दुसरे हाथ से मसलते हुए उनकी छाती फिर पेट पर किस करते नीचे कि तरफ मुहँ ले जाने लगी .......मैं उनके लंड के आस पास किस कर और चाट रही थी पर लंड को नहीं .......उनका लंड तन कर पेट से चिपका हुआ था .......मैंने जानबूझ कर लंड को हाथ भी न लगाया न ही किस किया ......ऐसे ही धीरे धीरे मैं ऊपर हो फिर से उनके होंठ चूसने लगी ...........राणा जी पूरी तरह से उतेजित हो चुके थे .......मैं उनके ऊपर से उठ कर उनकी साइड पे लेट गई ....राणा जी बोले क्या हुआ ........मैंने कहा '''आप ने ही पहले कहा था एक बार करने दो .....एक बार हो चुका है अब बस ................राणा जी बोले ...क्यों तडफा रही हो करो न ........मैं हसने लगी और बोली ...ठीक है पर आप अब कि बार मेरे अन्दर मत छुटना ......मुझे पहले ही बता देना .........और आप इतनी देर तक रोके क्यों रखते हो .......मेरा कई बार हो गया और आप ने जान बूझ कर रोके रखा .............राणा जी बोले ''जानबूझ कर नहीं मेरी जान ....मेरा जल्दी छूटता नहीं है और वैसे भी मैं इन नौजवानों कि तरह पिज्जा बर्गर नहीं खाता ......रोज़ वर्जिश करता हूँ ......मालिश करवाता हूँ .....दंड पेलता हूँ .......बादाम पिस्ते पीस घी का तड़का लगा दूध पीता हूँ ......ये बदन ऐसे ही नहीं बना है .........मैंने मन में सोचा तभी तो इन सबसे दमदार भी हो ..........
मैंने कहा '''ठीक है पहलवान जी .....कृपया पहले बता देना मैंने अमित का इंतजाम भी करना है '''राणा जी बोले '''क्या मतलब ''...............मैंने कहा ''आप मतलब वतलब मुझ पर छोड़ दीजिए .......और मैं राणा जी का लंड हाथ में ले ऊपर नीचे करने लगी .......फिर मैंने लंड का सुपाडा मुहँ में लिया और लालीपॉप कि तरह चूसने लगी ........राणा जी अपने दोनों हाथ मेरे सर पे फिराने लगे ............मैं पूरे मज़े और स्वाद से सुपाडा चूस रही थी .......बीच बीच में मैं अपनी जीभ सुपाड़े के छेद पर घुमा देती थी .....तब राणा जी का लंड और सख्त हो जाता था ..........मैंने चुसना छोड़ ऊपर उठी तो देखा राणा जी का चेहरा एकदम लाल था .......मैंने उनके होंठों पर किस किया और उनपर सवार हो लंड चूत में लेने लगी .........पूरा लंड अन्दर करने के बाद मैं चूत उछालने लगी .......राणा जी मेरी छतिया मसलने और दबाने लगे ...........बहुत देर ऐसे ही करने के बाद मेरा छूट गया .......मैं ऊपर से उतर घोडी बन गई ......राणा जी ने पीछे से लंड मेरी चूत में घुसा दिया


और दोनों हाथों से मेरी छातिया पकड़ ली ........................... राणा लगबग सुपाड़े तक लंड बाहर निकलते फिर पूरे जोर से धक्का लगते हुए अंदर घुसाते .........मैंने मन मैं सोचा अभी पहलवानी निकलती हूँ इनकी ......और जैसे ही राणा जी आगे की तरफ धक्का लगते मैं उतने ही जोर से पीछे धक्का लगाती ......लंड अन्दर कहाँ कहाँ टक्करें मार रहा था मैं बता नहीं सकती ........मेरा जोड़ जोड़ हिल रहा था पर न मैं हार मान रही थी न ही राणा जी .....................पर कहाँ मैं कहाँ वोह पहलवान ........मेरा फिर से छूट गया ...........मैं एकदम से आगे हो लेट गई ......लंड एकदम से बाहर आ गया .........मेरी चूत पूरी गीली थी .....मैं बुरी तरह थक गई थी ......मैंने राणा जी को लिटाया और उनका लंड चूसने लगी ताकि मुझ में कुछ दम आ सके .......कुछ ही पल बाद मैंने राणा जी को बैठाया और उनकी टांगों से ऊपर टाँगे उनकी कमर के गिर्द डाल लंड अन्दर डलवा लिया .........मेरी छातिया उनके चेहरे के सामने थी .....मैंने उनका सर पकड़ चूची उनके मुहँ में दे दी .....राणा जी ने अपने दोनों हाथ से मेरे चूतडो को पकड़ ऊपर उछालने लगे ...मैं भी चूत ऊपर नीचे आगे पीछे हिला रही थी ..................मैं जोर से .म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म आआआआआआआआ की आवाजे निकाल रही थी ...........मुझे लग रहा था की मैं अभी छूट जाउंगी ......और वही हुआ ......जब मेरा छुटा तो राणा जी बोले जान मेरा भी होने को है ......मैं उनसे उठ गई ....मैंने राणा जी को पलंग के साइड पर बैठाया.....और खुद जमीन पर घुटनों के बल बैठ उनका लंड चूसने लगी ......उससे पहले मैंने पैग वाला खाली गिलास साथ रख लिया था ......चूसते चूसते जब मुझे जब लगा की अब छुटने वाला है तो मैंने लंड को गिलास के अन्दर कर दिया और लंड हिलाने लगी ...तभी एक पिचकारी के साथ राणा जी का वीर्य छुटा .....फिर पांच सात झटकों में लंड खाली हो गया .......गिलास में काफी वीर्य था ......मैं जब अमित के साथ कंडोम लगा करवाती थी ....इस से चोथा हिस्सा भी वीर्य नहीं होता था ......लड़कों का भी इतना नहीं निकला था ......मैं गिलास को साइड मैं रख लंड को जीभ से साफ़ करने लगी ....पूरा लंड साफ़ करके मैं पलंग पर लेट गई ............राणा जी मेरे साथ लेट गए और मैंने अपना सर उनकी छाती पर रखा ....उन्होंने मुझे अपनी बाँहों में ले लिया .......मैं अपनी टांग उनकी टांग पर रख उनसे पूरी तरह लिपट गई ...और ऐसे ही हम सो गए ..........................

करीब चार बजे मेरी नींद खुली ......राणा जी भी उठ गए ......मैंने राणा जी से कहा की आप अब चले जाये राणा जी ने कपडे पहन लिए ......मैंने राणा जी को बोला की अमित को बेड पर डलवा दीजिए ......राणा जी ने अकेले ही अमित को गोद में उठा पलंग पर लिटा दिया ......राणा जी बोले अमित से क्या कहोगी ........मैंने कहा ....वही कहूँगी जो आप ने किया है .........राणा जी बोले मजाक मत करो ....मैंने कहा मैं सब संभाल लूँगी.......राणा जी ने मुझे अपनी बाँहों में लिया मेरे माथे पर किस किया ....मैंने उनके होंठों पर किस करके उन्हें बाय कहा .......राणा जी को भेज कर दरवाज़ा बंद करके मैंने अमित के सारे कपडे उतार नंगा कर दिया .......उसका सर गीली चद्दर के पास कर दिया .....फिर गिलास उठा थोडा वीर्य उसके लंड और आसपास मल दिया .......कुछ छाती पर और बाकी अमित के मुहँ के आस पास होंठों पर लगा दिया .......फिर मैं उसके साथ लेट गई और सो गई ...............................
सुबह करीब सात बजे अमित उठा .....मैं भी उठी हुई थी पर जान बूझ कर आँखे बंद कर सोने का नाटक कर रही थी ......अमित बाथरूम जा के वापिस आया और मुझे उठाने लगा ......मैं मचलते हुए उठी और अमित को देख कर जानबूझ कर गुस्सा करने लगी ......अमित पहले ही परेशान दिख रहा था ऊपर से मैं भी गुस्सा दिखा रही थी ......अमित की शक्ल देखने लायक थी .......मैं उसे ऐसे ही परेशान छोड़ मटकती बाथरूम चली गई .......जब मैं बाहर आई .....अमित मुझे पकड़ कर बेड पर ले गया और मुझ से पूछने लगा की रात को क्या हुआ था ...................मैं गुस्से में बोली '' तुम्हे नहीं पता क्या '''................अमित ''''सच में जान मुझे नहीं पता ....प्लीज़ मुझे बताओ ना '''' मैं बोली ''''अभी जान बोल रहे हो ....रात में क्या थी मैं ....हू ....बोलो न ......जब लड़के उठा ले गये थे तब तो मज़बूरी थी ...रात को कौन सी मज़बूरी थी .........अब बोल क्यों नहीं रहे हो '''' अमित बहुत ही हैरान परेशान बैठा था उसे समझ नहीं आ रहा था की मैं क्या बोल रही हूँ ,.....मुझे गुस्से मैं देख उसकी फटी पड़ी थी .......वोह मिन्नतें करता माफ़ी मांगता मुझ से पूछ रहा था कि रात को क्या हुआ था.........पर मैं बनावटी गुस्से में कुछ नहीं बता रही थी .......काफी मिन्नतें करवाने के बाद मैं बोली .............''रात जब राणा जी ने तुम्हे पूछा था कि हम लोग लड़कों का साथ क्यों दे रहे थे ...विरोध क्यों नहीं कर रहे थे ......तो तुम ने बताया कि हमें भी मज़ा आ रहा था ....और तुम ने राणा जी को यह भी कहा कि उनका वहां आना हमें अच्छा नहीं लगा था ..........याद है के नहीं ....''' अमित ने हूँ कहते सिर हिलाया .......फिर मैं आगे बताने लगी ''' उसके बाद तुम बोले ....राणा जी यह तो यहाँ आना ही नहीं चाहती थी ...वही छुट्टियां मानना चाहती थी लड़कों के साथ ........मुझे भी उसी दिन पता चला कि यह इतनी गर्म है. ........वोह तो चार लड़के थे आठ भी होते तो यह सब को एक साथ चोद डालती ''''........मैं तुम्हे चुप करवा रही थी .....उठ कर तुम्हारे पास आ नहीं सकती थी .....क्योंकि मैंने सिर्फ टॉप डाला था ........अमित पूछने लगा फिर ........मैं बोली '' उसके बाद तुम उठे को बोले .....राणा जी यह अभी भी चूत से पानी टपका रही होगी .......अभी भी बेकरार होगी चुदने को ......आप ने को मैंने इतने कपडे पहन रखे है .....बाहर इतनी सर्दी है और यह देखो यह यहाँ लगबग नंगी बैठी है '''.......और यह कह के तुमने कम्बल उठा दिया .....मैं नंगी ही थी ...अपने तन को ढक रही थी कि तुम मेरे ऊपर आ के बैठ गए .......मेरी छातिया दबाने लगे .....फिर तुम राणा जी से बोले ....देख क्या रहे हो राणा जी .....पेल दो अपना लंड इसकी चूत में ........और फिर राणा जी नंगे हो मेरी चूत में लंड घुसाने लगे ,........मैं तुम्हे हटा रही थी पर तुमने मुझे दबा रखा था ''''''
अमित हैरानी से मुहँ खोले मुझे देख रहा था .........थूक सटकते अमित के मुहं से निकला '''''फिर '''''
मैं बोली...'' राणा जी का बहुत मोटा और बड़ा था .....मुझे दर्द हो रही थी पर तुम मज़ा ले रहे थे ......राणा जी कितनी देर ऐसे ही मुझे चोदते रहे .........फिर उन्होंने मुझे घोडी बना पीछे से चोदना शुरू कर दिया .......तुमने अपना लंड मेरे मुहँ में डाल दिया .......राणा जी बहुत देर ऐसे ही चोदते रहे .......फिर तुम मेरे नीचे से सरकते हुए मेरी चूत चाटने लगे और तुम्हारा लंड मेरे मुहँ में था .......राणा जी मस्ती में थे पर तुम मेरी चूत के साथ राणा जी के अंडाणु भी चाट रहे थे .......मेरा कई बार हो चुका था ........मैं तुम्हारी और राणा जी कि मिन्नतें करने लगी कि मुझे कुछ देर आराम करने दो ....तुमने राणा जी को कहा ....राणा जी छोड़ दो इसे ......सारी रात चोदना है इसे ......कुछ आराम कर लेने दो .......मैं और राणा जी पलंग पर लेट गए ......फिर तुमने राणा जी का लंड मुहँ में ले लिया और चूसने लगे ........बहुत स्वाद से मज़े से चूस रहे थे राणा जी का लंड.......तुम और लड़के मुझे बोल रहे थे के मैं बहुत अच्छा लंड चूसती हूँ पर तुम तो मुझ से भी अच्छी तरह चूस रहे थे ......एकदम ब्लू फिल्म कि हेरोइन कि तरह ......क्यूँ याद है कि नहीं ........
अमित कि हालत देखने लायक थी ........मुहँ सूखा हुआ था ....अमित गर्दन हिलाते न कर रहा था .....
मैं बोली .......राणा जी और तुम्हे काफी मज़ा आ रहा था ......फिर जब राणा जी का छुटा तुमने पूरा माल पिया ...अच्छी तरह से लंड चाट चाट के साफ़ किया और सो गए ...........रात फिर राणा जी ने मुझे दो बार चोदा पर तुम ऐसे ही सोते रहे '''''

मैं बोली ....''मैं नहाने जा रही हूँ ...तुम भी नहाओ और जल्दी से चलो यहाँ से .....पता नहीं और किस किस से चुदवाओगे मुझे '''

अमित को ऐसे ही हैरान परेशान छोड़ मैं नहाने चली गई ......जब नहा के आई अमित तब भी वैसे ही बैठा था ......मैं गुस्से से बोली चलो अब फटाफट नहा के आओ .........अमित जल्दी जल्दी बाथरूम मैं घुस गया .......मुझे बहुत हंसी आ रही थी अमित कि हालत देख कर .......
अमित जब नहा के तैयार हुआ ...तो मुझ से बोला '''मुझे लगता है राणा जी ने जानबूझ कर मुझे ज्यादा शराब पिलाई इसी लिए मैं बहक गया ''''
मैं बोली ''कोई भी तुम्हे शराब पिलाएगा तो तुम मुझे उससे चुदवा दोगे ...और वैसे भी राणा जी ने तो तुम्हारे बराबर शराब पी थी वोह तो नहीं बहके ''''
अमित मुझ से माफिया मांगने लगा .....कानो को हाथ लगाने लगा ......मैं उसके पास गई और उससे कहा '''अब आगे से ज्यादा शराब मत पीना .....अमित कानो को हाथ लगा कहने लगा .....मैं किसी के साथ पिऊंगा ही नहीं ......जब भी पीनी होगी तुम्हारे साथ ही पिऊंगा ...जितनी तुम दोगी उतनी ही पिऊंगा ....वादा करता हूँ ................

तभी दरवाजे पे दस्तक हुई .....मैंने दरवाज़ा खोला ...नोकर नाश्ते के लिए बुलाने आया था .....अमित बोला अभी दस पंद्रह मिनट में आते हैं ........फिर अमित फटाफट सामान पैक करने लगा ......और बोला जल्दी से नाश्ता करके यहाँ से भागना है ........अमित को इस बदहवासी से सामान पैक करते देख मुझे हंसी आ रही थी पर मैं अपने पे काबू रखती अमित कि मदद करने लगी .....सामान पैक कर हम नाश्ते के टेबल पर आ गए .........

राणा जी हमारा ही इंतज़ार कर रहे थे ........हमने चुपचाप नाश्ता किया.........................नाश्ते के बाद अमित और मैं बेडरूम में गए और अपना सामान उठा लाये ...मैं अपना पर्स जानबूझ कर वहीँ छोड़ आई ....राणा जी ने सामान हमारी गाड़ी में रखवाया और हमें एक काफी बड़ा डिब्बा देने लगे ......अमित मना कर रहा था पर राणा जी ने डिब्बा गाडी में रखवा दिया .....राणा जी के चेहरे से लग रहा था कि वोह हमें जाने नहीं देना चाहते ...पर अमित काफी बेरुखी से बात कर रहा था ....हम गाडी में बैठे ...जैसे ही अमित ने गाडी स्टार्ट की मैं बोली ....अरे मेरा पर्स कमरे मैं ही रह गया है ......मैं दरवाज़ा खोल बाहर निकली और अमित से बोली ..अभी आई .....मैंने आँखों से राणा जी को अन्दर आने को कहा .....अन्दर जा मैं राणा जी के सीने लग गई ......उनके होंठों को किस किया ........और उनसे उनका फोन नंबर माँगा .....राणा जी ने जल्दी से अपना कार्ड मुझे दिया .....मैंने अपना पर्स उठाया और बाहर आ गाडी मैं बैठ गई .......राणा जी ने हमें विदा किया ............

हमें वहां से चले दो घंटे हो चुके थे .. अमित अभी भी परेशान था ......मैं बोली '''अब बीती बातें भूल जाओ .....और वैसे भी तुम मुझे अपने सामने चुदवाना चाहते थे .....अमित बोला '''वोह तो मैं अब भी तुम से कहता हूँ ......जब भी जिस किसी से तुम्हारा चुदवाने का मन हो मुझ से कहना मना नहीं करूँगा ......पर मैं हैरान हूँ मुझे याद क्यों नहीं है कुछ भी ...और मैंने राणा जी का लंड चूसा ...........मैंने कहा ...अब छोडो भी .......और मैं आँखें बंद करके बैठ गई ....और गाना गुनगुनाने लगी '''मुझ को राणा जी माफ़ करना गलती म्हारे से हो गई ''''

हम शाम को घर पहुंचे .......रात को पिज्जा मंगवाया .......दो दो पैग लगाये ...पिज्जा खाया ........फिर अमित राणा जी वाला गिफ्ट उठा लाया ....उसमे एक एप्पल का लैपटॉप ....एक आई पोड ....एक आई फोन था ...........हम बहुत हैरान थे गिफ्ट देख कर ...........रात को हम बेड पर लेट टी वी देख रहे थे ....अमित का सेक्स करने का मूड नहीं था .......मैं बोली '''अमित मैं सोच रही थी कि अगर हमने अपने साथ सेक्स के लिए किसी को मिलाना है तो बहुत सोच समझ कर करना होगा .......और मैं यह भी सोच रही थी कि अगर अली ,विक्की वगेरह से हमने यह रिश्ता कायम किया तो वोह जवान हैं .....हो सकता है कल को हमें ब्लैक मेल करें .......खराब करें .......इसलिए मैंने यह सोचा है कि क्यों राणा जी के साथ ही यह रिश्ता रखा जाये ....क्योंकि वोह इज्ज़तदार है ....पैसे वाले हैं ......अपनी इज्ज़त रखने के लिए हमारा सम्बन्ध गुप्त रखेंगे ...और वैसे भी उनकी बीवी तो है नहीं ....बाहर किसी से वोह सेक्स करते नहीं ........हम उनको साथ मिलायेंगे तो हमारा भी काम होता रहेगा ...राणा जी भी हमारे अहसान तले रहेंगे '''
अमित बोला .....बात तो तुम्हारी ठीक है ......किसी और दोस्त रिश्तेदार में से कोई ढूंडने से बेहतर है ....इनमे से ही किसी के साथ सम्बन्ध कायम रखे जाएँ ........पर हमारे पास राणा जी का नंबर वगेरह तो है नहीं ......उनसे वहां जा दुबारा तो ऐसे कुछ बात नहीं न की जा सकती
मैं बोली ...राणा जी का नंबर है मेरे पास ......तुम कहो तो कल फोन कर उनसे हालचाल पूछ लूंगी फिर धीरे धीरे उन्हें लाइन पे ले आयेंगे ......
अमित बोला ....तुमने कब नंबर लिया उनसे ......मैं बोली जब मैं अन्दर गई तभी उन्होंने अपना कार्ड दिया था ..........
अमित बोला ......अभी फोन कर लो ....अभी गयारह ही तो बजे हैं और उन्हें थैंक्स भी बोल दो ...गिफ्ट्स के लिए.......
मैंने अपना मोबाइल उठाया और राणा जी का नंबर मिलाया .........राणा जी ने फोन उठाया ......जब उन्हें पता चला की मेरा फोन है तो वोह बहुत हैरान और खुश हुए ......मैंने उन्हें थैंक्स बोला तो वोह बोले ....कि जो मैंने उन्हें दिया है उसके सामने तो गिफ्ट्स कुछ भी नहीं .......मैंने उन्हें कहा जब भी दिल चाहे वोह मुझे फोन कर सकते हैं .....मैंने उन्हें बाय कह फोन रख दिया .......उसके बाद तो पता नहीं अमित को क्या हुआ .........इतने जोश से चोदा मुझे के मज़ा आ गया ...........
उसके बाद मुझे दिन में कम से कम राणा जी के दो फोन जरुर आते हैं .......................वोह मुझे अपनी सारी बातें बताते हैं ........एक दिन उनका फोन आया और वोह बोले ..................
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