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Saturday, May 23, 2009

मेरी विधवा भाभी

ये कहानी मेरी और मेरे विधवा भाभी की है। ये कहानी मेरी एक दम सच्ची है।जब हमारे घर पर सिर्फ़ हम दोनों ही थे क्योँकि हमारे माता पिता का दो साल पहले ही निधन हो गया था और उस के एक साल के बाद मेरे भाई ने शादी कर ली और हम घर में दो से तीन हो गये। मेरा भाई अक्सर काम के सिलसिले में शहर से बाहर जाता था और लौटने में काफी वक्त लगता था। मेरी भाभी एक अच्छी और सुशील लड़की थी और उन का फिगर था ३८ २८ ३८ । जब वो चलती थी तो उन की गांड देख कर हर कोई यही चाहता था कि उन की गांड मारे।शादी के ६ महीने बाद मेरे भाई का एक्सीडेंट हो गया और वो उस एक्सीडेंट में मर गया और उस कारण भाभी थोडी से पागल सी हो गई थी और अब घर की ज़िम्मेदारी मुझ पर आ गई थी। मैंने अपनी पढ़ाई छोड़ कर नौकरी करना शुरू किया और देखते ही देखते मैंने भाभी का इलाज कर लिया और वो अब ठीक हो गई थी और फिर भाभी के घर वालों ने भाभी की दूसरी शादी की बात की तो भाभी ने मना कर दिया क्योँकि वो जानती थी कि अगर उन्होंने दूसरी शादी की तो मैं अकेला रह जाउंगा और इस वजह से उन्होंने दूसरी शादी नहीं की और हम लोग हसी खुशी रहने लगे।पर एक दिन जब मैं जब काम से लौटा तो मैंने दरवाज़ा खुला पाया और जैसे मैंने अन्दर जाकर देखा तो भाभी कपड़े धो रही थी और उन की साड़ी काफ़ी ऊपर तक उठी हुई है और उन की सारे कपड़े भीग गए थे जिस से उनकी अंदर की ब्रा साफ़ दिखाई दे रही थी और जैसे ही मैंने उन की ब्रा देखी, मैंने देखा कि भाभी एक दम लो कट ब्लाउज़ पहने है और उनके बूब्स भी दिख रहे है, तो उसी वक्त मेरे लंड खड़ा हो गयामैंने अपने रूम में जाकर उसे ठीक किया और फिर भाभी को आवाज़ लगा कर कहा कि चलो कहीं घूम कर आते है। वो राजी हो गई। हम लोग ट्रेन से गए। लौटते समय ट्रेन में काफी भीड़ थी, जिस के कारण मैंने भाभी को सामने किया और मैं उनके पीछे खड़ा हो गया और कुछ देर बाद मुझे किसी ने धक्का मारा, जिस के कारण मैं उन के करीब हो गया इतना करीब कि मेरा लण्ड उनकी गांड को हौले से टच करने लगा। उन्होंने ये महसूस किया और जैसे ही मेंने पीछे हटने की कोशिश की तो वो भी पीछे हट रही थी। मेंने सोचा कि शायद भीड़ के कारण वो पीछे हटी होंगी पर जब हम लोग घर पहुंचे तो मैंने महसूस किया कि भाभी का आज रंग कुछ बदला है और उन की चाल भी कुछ बदली हुई है।और फिर हम लोग खाना खा कर अपने अपने रूम में चले गए पर रात को मुझे नींद नहीं आ रही थी जिस से मैंने टीवी रूम में बैठ कर टीवी चालू किया और टीवी देखने लगा। टीवी की आवाज़ सुनकर भाभी भी वहां आ गई और पूछा कि क्या तुम्हे नींद नहीं आ रही है जैसे ही मैंने उन को देखा तो मेरा लण्ड एक खंभे की तरह खड़ा हो गया क्योँकि उन्होंने एक दम मलमल जैसी पतली नाईटी पहन रखी थी जिसमें से उनकी ब्रा और उन की पैन्टी भी एक दम साफ़ दिखाई दे रही थी।ये देख कर मेरा लण्ड अब फ़ड़फ़ड़ाने लगा था। जैसे ही वो मेरे पास आई और सोफे पर बैठे हुए उन्होंने कहा कि इतनी सर्दी में तुम्हें पसीने छूट रहे हैं तो मैंने डर गया और अपनी नज़र हटा ली।। हाथ मेरे लण्ड पर रख लिए और फिर कुछ नहीं कहा पर मेरी नज़र उनके बूब्स पर ही थी।कुछ देर बाद भाभी ने मुझे कहा कि उन के सारे बदन में दर्द हो रहा है और उनको मालिश करनी है तो मुझ से पूछा कि क्या कोई है जिसे तुम जानते हो तो मैंने कहा कि नहीं पर मुझे मालिश करनी आती है तो वो पहले मुस्कुराई और कहा कि अच्छा और मेरे करीब आ गई और मुझे कहा कि क्या तुम मेरी मालिश करोगे?तो मैंने हाँ में सर हिलाया और फिर वो मुझे अपने रूम में ले गई और लेट गई और कहा कि चलो अब मेरी मालिश करो मैंने पहले उन के पैर से शुरू किया ५ मिनट और फिर मैंने उन से कहा कि क्यों न आप अपनी गाऊन उतार दें, तो उन्होंने झट से उसे उतार दिया। अब भाभी सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थी और मैंने उन को ऐसे पहली बार देखा था और फिर मैंने तेल की बोटेल ली और उन की पीठ पर लगाना शुरू किया कुछ देर मालिश करने के बाद मेंने भाभी से कहा कि आप की ये ब्रा मुझे चुभ रही है तो उन्होंने कहा कि इसे भी खोल दो, तो मैने उसे भी खोल दिया और फ़िर मैंने भाभी को पीठ के बल लेटने को कहा जैसे ही उन्होंने करवट ली तो उनकी नज़र मेरे तने हुए लण्ड पर पड़ी तो उन्होंने कहा कि समीर ये क्या है तो मैने कहा कि ये मेरा हथियार है जैसा भाई के पास था बिल्कुल वैसे ही।तो भाभी ने कहा कि चलो मैं अब अपनी पैंटी उतारती हूं और तुम अपना ये शोर्ट उतारो, तो मैंने पहले मना कर दिया पर भाभी ने कहा कि मैंने तो अपनी ब्रा और पैंटी उतारने में तो कुछ नही कहा और तुम सिर्फ़ अपना शोर्ट उतरने के लिए इतना सोच रहे हो। तो मैंने कहा की आप मेरी भाभी है तो उन्होंने कहा कि चलो आज से तुम मुझे मेरे नाम से बुलाना और उन का नाम पिंकी था और फिर उन के इतना कहने के बाद मैंने अपना शोर्ट उतार दिया।जैसे ही मैंने अपना शोर्ट उतारा तो वो मेरे लण्ड को देख कर दंग रह गई और कहा कि तुम्हारा लण्ड तो वाकई बहुत बड़ा है उन्होंने पूछा कि ये कितना लंबा है तो मैंने कहा कि ये ९ इंच का है तो उन्होंने कहा कि तुम्हारे भाई का तो सिर्फ़ ५ इंच का था उन्होंने ख़ुद कहा था।अब भाभी और मैं एक दम नंगे थे और फिर भाभी मेरे लण्ड को घूर रही थी और मैं उन की चूत को घूर रहा था। फिर भाभी ने कहा कि अब मेरे बूब्स की मालिश करो मैं उनके बूब्स को दबाने लगा था और भाभी ने मेरा लण्ड अपने हाथ में ले लिया और उस को सहलाने लगी और मुझे भी मज़ा आने लगा। कुछ देर बाद मैंने अपना सारा माल उन के हाथ और उन के बूब्स पर गिरा दिया। मैंने उन को सॉरी कहा पर उन्होंने कुछ नही कहा और जो मेरा माल गिरा था वो उसे चाटने लगी और बड़े मज़े से चाटने लगी। मेरे सामने ही अपनी चूत में ऊँगली डाल कर रगड़ने करने लगी और मुझे देखने लगी और वो कुछ अजीब सी आवाजें निकल ने लगी आआआआ ऊऊऊओ ईईईईईईईए फिर कुछ देर बाद उन की चूत में से भी पानी निकल गया और वो शांत हो गई।फिर मैंने भाभी से कहा कि भाभी! मैं सोने जा रहा हूं तो उन्होंने कहा कि मैंने तुम को कहा कि तुम मुझे नाम से बुलाना तो मेंने उनको नाम से बुलाना शुरू किया। फिर मैं अपने रूम में चला गया और जब सुबह को उठा तो मैंने देखा कि रात की उस सेक्स मसाज़ की वजह से मेरा लण्ड काफी बड़ा हो गया था मैंने सोंचा कि चलो अब पिंकी किचन में होगी तो मैंने कुछ नही पहना और किचन की ओर चला गया। देखा तो पिंकी वहीं थी।जैसे ही उन्होंने मुझे देखा तो कहा कि तेरा लण्ड तो रात से भी ज्यादा बड़ा हो गया है। तो मैंने कहा कि ये सब आप ही मेहरबानी है तो वो हंसने लगी और कहा कि क्या तुम भी वही चाहते हो जो मैं चाहती हूं?तो मैंने कहा कि इस के बारे में बाद में बात करते हैं और मैं बाथरूम में गया और कुछ देर बाद भाभी को आवाज़ लगाई। मैंने कहा कि पिंकी ज़रा साबुन देना। तो वो समझ गई और अपने सारे कपड़े उतार कर बाथरूम में आ गई और कहा कि आज हम दोनों मिल कर नहाएंगे। तो मैंने कहा कि ठीक है और उन्होंने साबुन अपने बदन पर साबुन लगाना शुरू किया और मैं उनको देखने लगा। उन्होंने पूछा- ऐसे क्या देख रहे हो? तो मैंने कहा कि मैं आप के…… आप के बूब्स और गाण्ड को देख रहा हूं, मुझे ये बड़े मस्त लगते है। तो उन्होंने कहा कि क्या तुम इन्हे छूना चाहते हो क्या तो मैंने हामी में सर हिलाया और वो मेरे करीब आइ और मेरे लण्ड को अपने हाथ में लिया और मुझे उनके बूब्स को दबाने को कहा।और मैंने उन के बूब्स को दबाना शुरू किया और उनकी गांड को सहलाना शुरू किया। वाह दोस्तो, क्या गाण्ड एक दम सॉफ्ट। और मैंने देखा उनकी फ़ुद्दी पर एक भी बाल नही था। मेंने उन के बूब्स को मुँह में ले लिया और उन की फ़ुद्दी को अपनी हाथ से रगड़ने लगा और वो जोश में आकर आआआआऊऊश ह्श्श्श्श्श्श्श्श कर ने लगी। तो मैं उन को बेडरूम में ले गया और उनको लिटा दिया और उन के बूब्स को चूसने लगा और उन की फ़ुद्दी को अपनी ऊँगली से चोदने लगा। फिर उन्होंने कहा कि समीर मेरी चूत को चाटो तो मैंने उनकी फुद्दी को चाटना शुरू किया, वो अभी जोश में आ गई और जोर से कराहने लगी आआऊऊऊऊऊऊऊऊश्श्श्श्श्श्श्श्श्श्श्स् ईईईईईईईईईईईईईई ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ और चाटो और चाटो कह रही थी।१० मिनट चाटने के बाद उन्होंने कहा कि मैं झड़ने वाली हूं तो मैंने कहा कि मैं आप का रस पीना चाहता हूं। इतना कहा ही था कि वो झड़ गई और मैंने उनका सारा रस पी लिया और फिर मैंने उनको उठाया और मेरा लण्ड उनके मुँह में दे दिया और उनको चूसने को कहा। उन्होंने खूब चूसा और अच्छा चूसा। १० मिनट के बाद जब मैंने उनसे कहा कि मैं झड़ने वाला हूं तो उन्होंने कहा कि मैं भी तुम्हारा वीर्य पीना चाहती हूं और मैंने अपना सारा वीर्य उनके मुँह में झाड दिया और उन्होंने मेरा सारा वीर्य पी लिया और फिर हम एक दूसरे से लिपट कर सोये रहे।फिर ५ मिनट के बाद मेरा लण्ड फिर खड़ा हो गया और मैंने उन से कहा कि चलो अब मैं तुम्हारी चूत मारता हूं और उन को लिटा दिया और उनकी फ़ुद्दी के द्वार पर मेरा लण्ड रखा और एक धक्का मारा और मेरा आधा लण्ड उनकी फुद्दी में चला गया और वो दर्द के कारण चिल्लाई और मैंने उन से पूछा कि क्या आप को दर्द हो रहा है? तो उनहोने कहा की मेरी फ़ुद्दी ने ७ महीने से लण्ड नही खाया न इसीलिए दर्द हो रहा है। मैंने अपना काम जारी रखा और फिर एक और धक्का मारा और मेरा पूरा लण्ड उन की चूत में घुस गया और मैंने देखा कि उन की फुद्दी में से खून निकल रहा है तो मैंने कहा कि तु्म्हारी फुद्दी में से खून निकल रहा है तो उन्होंने कहा कि तु्म्हारा लण्ड इतना बड़ा है न।और फिर मैंने धक्के लगाना चालू किया और कुछ धक्के मरने के बाद उनको भी मजा आने लगा और वो भी अपनी गांड उठा उठा कर अपनी चूत मरवा रही थी और फी ऊऊऊऊऊऊऊऊऊ श्श्श्श्श्श्श्श्ह्स म्म्म्म्म्म्म्म्म्म और कह रही थी कि और डालो और डालो और डालो समीर, मेरी फुद्दी को फाड़ दो मेरी फुद्दी को फाड़ दो और हमारी ये चुदाई ४० मिनट तक चलती रही और बाद उन्होंने कहा कि अब बस करो पर मैं कहाँ मानने वाला था फिर उस के १० मिनट के बाद मेंने उन से कहा कि में झड़ने वाला हूं तो उन्होंने कहा कि मेरी फुद्दी में झाड दो और मैंने उन की फ़ुद्दी में झड़ गया और उन के ऊपर लेट गया. फिर हम दोनों वैसे ही लेटे रहे और फिर हमने पूरा दिन कम से कम ८ बार चुदाई की और फिर रात को भी हमने चुदाई की।

Marvari Teachr Ki Seal Kholi

Marvari Teacher Ki Seal TodiHi I am raj from maharashtra. A student of software engineering havingcraze for Marwari females. Bahut chikni hoti hai aur gori bhi. Marwarigirls are always very pretty, but they are not much exposed and coverthemselves very much; i love their body fragrance .from here now ibegin to write my story in in Hindi so that sabhi pura maja le sake.Maius wakt engineering ke 1st year mein tha aur mere jo tution teacher themaths ke wo Marwari the. Mai unke ghar par tution padhne jata tha. Unkiumar kareeb 35 saal ki thi. Wo apni biwi ke sath rehate the. Unka ekladka tha joki hostel me rehkar padhai kar raha tha. Use kisi ne dekhanahi tha.unki biwi ki umar shayad 28-30 ki hogi. Lekin wo apni umar sekafi choti dikhti thi. Jab bhi mai unke ghar jata tha to wo mera bahutkhyal rakhti thi. Mere dil me bhi unke liye bahut ijjat thi. Lekin ekdin maine unhe nahane ke baad sirf petticoat me dekha jo ki unkichunchiyan par bandha hua tha. Unke gore pair aur pindaliyan khulithi.. Kitne gore aur gadraye pair the. Mai unki chunchiyan ko dekhta hireh gaya. Unhone mujhe dekhte huye dekha , thoda muskurayi aur andarchali gayi. Mera man ab padhai me nahi lag raha tha. Mera lund kadakhone laga. Kisi tarah mai use daba raha tha. Sir ne puncha kya hua?Wanna go to the bathroom? Maine darte huye ya I wanna unhone apni biwise kaha ise bathroom dikha do. Wo tab take saree pehan chuki thi,Marwari style me. Yane peticot me lappet kar baki anchal tha. Unkichunchiyan bade gale ke blouse se adhi se jyada dikh rahi thi. Ye dekhkar mera lund aur kadak ho gaya. Aur mere 7.5 inch ke mote lund kosamhalna mushkil ho gaya. Mai books rakhkar jaise hi khada hua, merelund ne night pajama me tent bana diya aur usne ye dekha aur badi adaase muskurayi. Mujhase kaha jaldi aao idhar hai bathroom. Mai andar gayalekin jaldi me darwaja band nahi kiya. Lund ko bahar nikala then I peelekin lund thanda nahi ho raha tha, so mai muth marne laga.. 2 minuteme hi usne jor ki pichkari mari.. Jo samne diwal par gayi.Usko achche se dhoya aur lund ko pant ke andar kiya. Jaise hi mai picheghuma maine dekha deewar ke kinare sir ki wife khadi hai. Iska matlabusne mujhe muth marte huye dekha tha, kyuki waha se mera lund puradikhta tha.Mai sir nicha karke bahar nikal aya. Tab usne dheere sekaha.. Bahut mota aur lamba hai. Ye kehkar wo jaldi se chali gayi.Vaise mujhe wo achchi lagti thi aur wo bhi mujhe pasand karti thi.Lekin uske sath sex ke liye maine kabhi bhi socha nahi tha. Mere sirmaths me expert the. Aur unse padhne ke liye bahut ladke tution lagwanachahte the. Lekin unhone sirf mujhe hi chuna kyuki tution unhe pasandnahi tha. He always used to be busy in solving maths problems and doingsome other stuffs . Unki wife ko ye pasand nahi tha. Wo to mujhe bahutsexy lagti thi. Unhe acchi chudayi ki chahat thi aur wo kisi ko dhundhrahi thi. Jabki sir ko lagta tha ki ab sex ki koyi jarurat nahi hai. Yebaten mujhe tab pata chali jab mai unki wife ke sampark me aaya aurunki diary padhi. Maine ye diary unke cupboard se nikal ke padhi thi.Us diarry me mere bare me bhi likha tha. "mai ek kamsin ladka hoon aurbahut hi garam ladka hoon, jo bhi ladki mujh se chudwayegi uski kismatkhul jayegi. Jis ladki ko mera lund milega wo bahut hi naseeb walihogi. Agar mujhe mauka mile to mai is ladke se ek baar jarur chudwaungiaur apni choot ki pyaas bujhaungi." Uski diary ki ye line e mere dimagme ghum rahi thi.Wo mujhase chudwana chahti thi lekin apne pati sedarti thi.aur fir us din ke baad meri najar bhi badal gayi . Uskiufanti huyi jawan badan ko yaad karke mai ab roj hi muth marta tha.Maine bhi socha ise ek mauka diya jaye, lekin kaise? Ek din maine unhecell phone par call kiya aur kaha ki aaj mai 4 baje aaunga.ye baat aapsir ko bata dijiye.mujhe malum tha ki sir 4 baje library jate hai aurraat ke 10 baje wapis aate hai.Maine ye baat janbujhkar uska cell phone par kaha tha. Ye meri taraf seishara tha. Kyuki iske pehale maine uska cell par kabhi koi messagenahi diya Tha. Aur jab se usne mera lund dekh liya tha tab se maineuski aankho me bhi ek tadap dekhi thi. Mai unke ghar thik 4.30 parpahuncha. Usne darwaja khola. Maine dekha aaj usne ek tranparent saripehani thi aur khule gale ka blouse. Uska figure 34 26 36 hai. Uskichunchiyan blouse fad kar bahar nikal rah the. Blouse chota tha. Aurlehanga nabhi ke bahut niche bandha tha.. Jisse aaj uska gora gora petaur patli kamar saaf dikh rahe the. Uska gora pet aur chikni kamar dekhkar mera lund harkat me aa gaya. Usne mujhe baithane ko kaha aur panilane andar gayi. Paani dete huye wo is tarah jhuki ki uski madmastchuncnhiya mere samne aa gayi. Uff wo ghati. Ras daar chunchiyan dekhkar mere munh me pani a gaya.. Wo sofe par mere kareeb hi kinare parbaith gayi.maine unhe hichkichate huye pooncha sir kahan hai.. Kyaaapne mere aane ke bare me sir ko bataya hai? Ya wo bhul gayi? Usnekaha maine sir ko kuch nahi kaha. Maine pooncha kyu? Usne kaha aaj womujhe padhayengi.ye kehate huye wo apne rasile honto ko dant se dabarahi thi aur kone me kat rahi thi. Maine tab kaha"aap majak kar rahihai" usne kaha "nahi mai seriously keh rahi hoon. Tab maine kaha "aapkaun sa unit sikhayengi?" usne kaha"mai serious hoon lekin tumhe mathsnahi padhaungi" ye baat usne bade natkhat andaz me kahi. Maine pooncha"fir kya padhaogi?" wo chup rahi aur mere kareeb agayi.aur mera hathpakad liya. Usne kaha aaj tum mere mehmaan ho . Aaj mai tumharipariksha lene wali hoon. Maine kaha kaisi pariksha?. Usne kaha buddhumat bano mai janti hu tum mujpe pe fida ho.Mujhe malum tha ki wo bhi chudwane ke liye betaab ho gayi hai aurtayyar hai.usne mera hath pakda aur khadi ho gayi aur mujhe apnebedroom me le gayi.fir usne mere gaal par kiss kiya.. Aur mere shirtaur pant khol diye. Mujhe bhi maja aa raha tha. Uska naram hath merebadan par ghum raha tha. Usne meri baniyan bhi nikal di. Maine ab uskapallu niche gira diya. Uska bade bade ras bhari chunchiyan mere samnethi. Mai thoda..........................