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Sunday, November 8, 2009

मैं एक बार फिर आपके सामने अपना अनुभव पेश करने जा रहा हूँ। उम्मीद करता हूँ आपको पसंद आएगा।

दोस्तों आपको मैं अपनी ज़िन्दगी के आठ महीने पीछे ले चलता हूँ, बात हमारे स्कूल के वार्षिक उत्सव की है, जो कि हर बार २५ दिसम्बर को मनाया जाता है।

उस दिन हम सब अच्छे अच्छे कपड़े पहन कर गए थे। मैंने उस दिन काले रंग की शर्ट और नीले रंग की जींस पहनी हुई थी। सभी लड़कियों की निगाहें मुझ पर थी। उस दिन मेरी गर्लफ्रेंड के साथ उसकी एक सहेली आकृति भी आई थी। वो देखने में, बाप, क्या माल थी ! एकदम गोरी चिट्टी और मोटे-मोटे मम्मों वाली। देखते ही मेरी जींस बीच में से टाइट हो गई और मैंने बड़े ही प्यार से उसे हेल्लो बोला। उसने भी बड़े प्यार से मुझे हाय कह कर जवाब दिया, पर मेरी आँखें तो उसके मम्मों पर ही थी।

उसने एकदम मेरी तरफ देखा और बोली,'जनाब, कहाँ खो गए?'

मैंने बोला- कहीं नहीं ! बस कुछ दिनों से इतनी गर्मी महसूस नहीँ की।

वो समझ गई कि मैं क्या बात कर रहा हूँ। इतने में मेरी गर्लफ्रेंड ने मुझे गुस्से भरी आँखों से देखा, मैंने हँस के बात बदल दी और मैं अपने दोस्तों के साथ चला गया। मेरे दोस्त मुझे एक कमरे में ले गए जहां उन्होंने ब्लू फिल्म लगा रखी थी। एक तो पहले ही गरम माल देख के आया और ऊपर से यह सब, मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं अपनी जींस के ऊपर से अपना लंड रगड़ने लगा... और अह्ह्ह आह्ह्ह की आवाजें मेरे मुँह से निकलने लगी।

फिल्म में एक लड़का लड़की के मम्मों के बीच अपना लंड रख के रगड़ रहा था और बीच बीच में लड़की के मुँह में अपना लंड डाल रहा था.. 'म्म युम्मी मम आह्ह्ह' जैसे शब्द लड़की बोल रही थी।

मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और मुठ मारने लगा। इतने में क्या देखता हूँ कि पीछे से मुझे कोई बुला रहा है। मैंने जल्दी जल्दी लंड जींस के अन्दर डाला...... और ' कौन है ' बोलते हुए बाहर गया..

बाहर देखा तो आकृति खड़ी थी, और बोली कि रेशन (मेरी गर्लफ्रेंड) आपको बुला रही है..

मैंने कहा- चलो... चलें..

रास्ते में वो बोली- अभिषेक अन्दर क्या कर रहे थे?

मैं डर गया और बोला,'तुमने सब देख लिया?'

वो बोली- हाँ और आपका वो बड़ा सा लंड भी !

मेरी आंखे फटी की फटी रह गई। मैंने डरते डरते बोला- आकृति को कुछ मत बताना !

वो बोली- नहीं नहीं... बिलकुल भी नहीं..पर अगर आप ब्लु फिल्म की जगह असल में करो तो ज्यादा मज़ा आएगा ...

हाय रब्बा ये तो.. मेरे मन की मुराद पूरी हो गई' मैंने कहा।

क्या मतलब..!

वो अपना दुपट्टा नीचे करके बोली.. क्या इन्हें दबाने में तुम्हें मज़ा आएगा?

मैंने भी बिना कोई मौका गंवाते हुए उसमें अपना मुँह घुसा दिया और अपनी जीभ से उसके मम्मे चाट लिए .. और तिरछी आँख से उसे देखा!

वो भी एक दम मस्त हो गई थी।

मैंने कहा- फिर शुरू करें?

उसने भी हाँ में हाँ मिला दी और मैं उसका हाथ पकड़ के उसे रेडरूम में ले गया।

रेडरूम में घुसते ही मैंने रूम लाक कर दिया और अपनी जींस उतार दी.. मेरा लम्बा लंड देख के उससे रहा नहीं गया.. और उसने अपना मुँह खोल कर सारा लंड अन्दर घुसा लिया। 'चक्क चक शह..' जैसी आवाज़ आई और उसने लंड बाहर निकाला और उसका सुपाड़ा अपने दांतों से रगड़ना शुरू कर दिया। मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था तो मैंने अपने हाथ उसके सर के ऊपर रख दिया और अन्दर की तरफ धकेलने लगा। उसके होंठ मेरे माल से सफ़ेद हो गए थे... और वो मेरा लंड चूसे जा रही थी...

फिर उसने मेरी अण्डकोषों को अपने मुँह में डाला और दबा दबा के चूसने लगी। मेरा लंड एकदम सीधा तना हुआ था और वो अपनी जीभ से उसे चाट रही थी और अपने मुँह और लबों से रगड़ रही थी..

अब मुझसे रहा नहीं गया.. मैंने उसे उठाया और.. उसकी कमीज़ के ऊपर से उसके मम्मे निकाल लिए और उन्हें चूसने लगा.. आह्ह्ह गोरे गोरे मम्मे.. और उन पर भूरे रंग के चूचुक !

मैंने उन्हें निचोड़ दिया और एक तरह से मैं उसके मम्मों को खाने की कोशिश करने लगा..

मैंने अपनी जीभ से उसके मम्मे चाट चाट के साफ़ कर दिए.. और वो नीचे से अपना हाथ मेरे लंड के ऊपर रगड़ रही थी.. मैंने भी अब उसकी सलवार उतार दी और उसकी पैंटी के अन्दर ऊँगली डाल दी..

वाह क्या माल थी वो.. एक दम टाइट चूत और कोई बाल नहीं..

मैंने एक दम ३ उंगलियाँ उसके चूत के अन्दर घुसा दी..

और वो चिल्लाई और उसने मेरी गरदन पर काट लिया..

मैंने कहा- ये क्या...?

तो बोली- मुझे भी दर्द होता है..

तो मैंने कहा- जब मैं तुझे चोदूँगा तो... फिर तो तू मुझे खा ही जायेगी..

वो बोली- वही तो मैं चाहती हूँ..

मुझे यह सुन कर बड़ा मज़ा आया और मैंने सीधा उसके होठों में अपनी जीभ घुसा दी...

वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और अम्म आम्म करके मुझे किस करने लगी...

मेरा एक हाथ उसके मम्मों पे और एक उसकी गांड पे था..

और साथ साथ मैं उसे चूस रहा था.... वो भी मेरा लंड जान लगाकर रगड़ रही थी...

थोड़ी देर बाद मैंने उसे ज़मीन पर लिटा दिया और उसकी चूत चाटने लगा.. नरम और नमकीन चूत... मैंने ज़िन्दगी में पहली बार ऐसी चूत चाटी थी... और.. उसने मुझे जन्नत का मज़ा दिलवा दिया...

थोड़ी देर बाद वो मेरे मुँह में ही झड़ गयी... और मैंने उसका पानी हाथ से साफ़ कर दिया और फिर चूत चाटनी शुरू कर दी..

वो बोली- चौद भी दे जान अब..! कितना तड़पाएगा..?

मैंने कहा- मेरी जान बस.. एक मिनट और..

मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के अन्दर घुसा दी... और.. सारा पानी..चाट लिया..

हाआआयीई...कह के उसने मेरे सर पे हाथ रखा..

उसके बाद मैं उसके ऊपर लेट गया..और अपना लण्ड उसकी चूत में घुसा दिया..

थोड़ी मुश्किल हुई पर घुस गया...

वो थोड़ा चिल्लाई.. पर बाद में मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और धक्के लगाने शुरू कर दिए...

आआहा या उईई की आवाजों ने चुदाई को और मजेदार बना दिया..

मैंने भी धक्के तेज़ कर दिए और जब मैंने सांस लेने के लिए अपने होंठ उसके होंठों से अलग किये तो उसने मुझे गाली दी और बोली- माँ के लोड़े ! तेरे में दम नहीं है?...... फाड़ ड़ाल आज मेरी चूत को... माँ के यार आअह्ह चोद दे आज इस.....लड़की को... मेरी जान निकाल दे .. आअज.. आअह्ह उई.. मरर गई... जान मैं...

मैंने भी अपनी पूरी ताकत से धक्के लगाने शुरू कर दिए और जोर जोर से हांफ़ने लगा....

वो भी चिल्ला रही थी...

हम दोनों को सर्दियों में पसीना आने लगा...

करीब २० मिनट के बाद मैं झड़ गया और उसके ऊपर से उठ गया....

मैंने कहा- जान मज़ा ही आ गया !

वो बोली- अब तो और आएगा..

और.. अपनी गांड मेरे सामने कर दी....

मैंने जाकर सीधा उसकी गांड पर थप्पड़ मारा और उसे चूमा !

..मोटी.. गोरी गांड.. किस्मत वालो को ही मिलती.. है.. और...

थोड़ी देर गांड दबाने के बाद मैंने उसके अन्दर अपना लंड डाल दिया और उसके मम्मे दबाने लगा...

वो भी पूरा लंड ले रही थी..

मैंने धक्के तेज़ किए तो उसके मुँह से आम्म आम्म्म अम्म.. आह्ह..की आवाजें आने लगी...

मैंने उसके बाल खींच दिए तो वो आआउई.. आऔईइ करके चिल्लाने लगी..

मैंने दबा दबा कर उसकी गांड मारी और एक दम लाल कर दी...

फिर मैंने अपना लण्ड बाहर निकाला और उसके मुँह में डाल दिया...

वो भी जोर जोर से उसे हिला रही थी....

और कुछ देर के बाद मैं फिर से झड़ गया...

उसने मेरा सारा माल पी लिया...

और मैंने उसके बाद उसे एक किस की और बोला- जान ! आज तो मज़ा ही आ गया... थैंक्स ...!

वो बोली.. लव यू माय हनी!....

यह बोल के हमने कपडे पहने.. और वाशरूम जाकर मुँह धोया और वापिस आ गए....

जब हम वापिस आए तो मेरी गर्लफ्रेंड मिली और बोली- कहाँ रह गए थे तुम..?

तो मैंने कहा- तुम्हारी सहेली को जन्नत की सैर करवाने गया था..

और बोलकर आकृति और मैं हँसने लगे.....

फिर आकृति ने बात को संभालते हुए बोला- चंडीगढ़ दिखाने गया था...

तो मैंने भी बोला- हाँ.. और बोला- थोड़ा काम था.. इसलिए... हम बिना बताये चले गए.. 'सॉरी जानू'

वो बोली- कोई बात नहीं...

इसके बाद मैंने आकृति का नंबर ले लिया और उसके घर जाकर उसे खूब चोदा...........
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